देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में मूसलाधार बारिश के कारण कुहेड़-मैठाणा-मथरपाल सड़क पर भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर आने से लोग दहशत में आ गये। मटमैले पानी के साथ बोल्डर और मलबा आने से यह सड़क भी गदेरे में तब्दील हो गई। जिसके चलते कई गांवों का मुख्य सड़क से संपर्क कट गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही ग्रामीण मार्ग भी बाधित हो रहे हैं। सोमवार को प्रदेशभर में भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। चमेाली में भारी बारिश के पानी के साथ कुहेड़-मैठाणा-मथरपाल सड़क मलबा और बोल्डर आने के कारण लोगों के होश उड़ गए। वही गमरथा तोक के पास भूस्खलन के कारण सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। जिसके चलते सड़क से कई गांवों का संपर्क टूट गया है और यह गांव अलग-थलग पड़ गये हैं।
उत्तराखंड में मानसून ने एक बार फिर से जोर पकड़ लिया है। सोमवार को भी पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यवस्थ रहा। बारिश के चलते पर्वतीय क्षेत्रों में आवाजाही भी प्रभावित हो रही है। सोमवार को चमोली जिले में बारिश का रौद्र रूप देखने को मिला। सड़क पर पानी के साथ जिस तरह से मलबा के साथ छोटे-छोटे पत्थरों के साथ बड़े-बड़े बोल्डर बहकर आए उससे यहां के लोग भी दहशत में आ गए। अभी बीस दिन पहले ही केदारनाथ में हुई अतिवृष्टि के चलते अब तक केदारनाथ धाम की यात्रा सुचारू नहीं हो पायी है। वहां के हालात को याद कर चमोली में सड़क पर बह कर आने वाले मलबे को देख कर लोग दहशत में आ गये हैं। बोल्डरों के साथ आता मटमैला पानी लोगों के मन में डर पैदा कर रहा है कि कहीं यह बारिश बड़ा नुकसान न कर दे।
विदित हो कि पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क कटिंग के बाद डंपिंग जोन नहीं बनाया जाता और मलबा जगह-जगह डाल दिया जाता है। तेज बारिश होने पर इधर-उधर पसरा मलबा पानी के साथ बहकर सड़कों पर आ जाता है, जिसकी वजह से रास्ते बाधित हो जाते हैं। या फिर गदेरों में फेंका हुआ मलबा बरसात के समय भारी मुसीबत बनता है और कई बार बड़ा नुकसान करके चला जाता है। इससे वन संपदा को भी नुकसान पहुंचता है। वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में मशक्कत के बाद बनी सड़क जहां क्षतिग्रस्त होने से करोड़ों रुपए का नुकसान होता है तो वहीं कई गांवों के संपर्क भी मुख्य सड़क से कटने के कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। यहां सड़क के गदेरे में तब्दील होने के बाद से लोग तेज पानी को देखकर डर रहे हैं तो वहीं आवाजाही पूरी तरह से ठप होने के कारण परेशानी भी उठानी पड़ रही है। लगातार हो रही बारिश के चलते चमोली के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भूस्खलन की समस्याएं भी पैदा हो रही है। मूसलाधार बारिश के कारण ग्रामीण भी जगह-जगह से भूस्खलन की जद में हैं।