दुनिया के महानतम कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धोनी को इसलिए महान कप्तान कहा जाता है क्योंकि वह अपने खिलाड़ियों से उनका बेस्ट निकलवाना जानते थे. वह युवा खिलाड़ियों को भरपूर मौका देते थे. एक-दो मौकों के बाद वह खिलाड़ी को बाहर का रास्ता नहीं दिखा देते थे. टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा की कप्तानी शैली भी धोनी की तरह मानी जाती है. उन्होंने भारत का कप्तान बनने के बाद कई बार कहा है कि वह युवा खिलाड़ियों को पूरा मौका देना चाहते हैं. रोहित से उम्मीद होगी कि सात मार्च से धर्मशाला में इंग्लैंड के खिलाफ खेले जाने वाले पांचवें टेस्ट मैच में भी यही करेंगे और एक खिलाड़ी की उम्मीदों को जिंदा रखते हुए उन्हें मौका देंगे.
हम बात कर रहे हैं इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में डेब्यू करने वाले मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज रजत पाटीदार की. रजत ने विशाखापट्टनम में खेले गए मैच में डेब्यू किया था. इसके बाद वह राजकोट में भी खेले और रांची में भी. लेकिन उनके बल्ले से रन नहीं निकले.
रजत जाएंगे बाहर!
बात को आगे बढ़ाएं इससे पहले रजत का इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में प्रदर्शन देख लेते हैं. विशाखापट्टनम में पहली पारी में उन्होंने बनाए 39 रन. दूसरी पारी में बनाए नौ रन. राजकोट में वह पहली पारी में पांच और दूसरी पारी में बिना खाता खोले आउट हो गए थे. रांची में उनके बल्ले से पहली पारी में निकले 17 रन जबकि दूसरी पारी में वह खाता तक नहीं खोल पाए. यानी देखा जाए तो तीन मैचों की छह पारियों में उनके बल्ले से निकले 63 रन. इस प्रदर्शन के बाद लग रहा है कि रोहित शायद धर्मशाला में रजत को बाहर कर दें. रजत ने न आंकड़ों से प्रभावित किया है न ही अपनी एप्रोच से. ऐसे में बहुत संभावना है कि रोहित पांचवं टेस्ट मैच में रजत को मौका न दें लेकिन क्या ये सही होगा?
नाइंसाफी न हो जाए
इंटरनेशनल क्रिकेट का दवाब काफी अलग होता है. कई बार खिलाड़ी इस माहौल में रमने में समय लेता है. तीन मैच में बेशक रजत का प्रदर्शन प्रभावी न रहा हो, लेकिन देखा जाए तो उनमें प्रतिभा है और वह ज्यादा मौके के हकदार भी हैं. तीन मैचों के आधार पर उन्हें बाहर कर देना रजत को कमजोर कर सकता है. अगर रजत को बाहर किया जाता है तो इससे उनके आत्मविश्वास पर असर पड़ेगा और हो सकता है कि वह अपने टैलेंड के साथ न्याय नहीं कर पाएं. वहीं अगर रोहित रजत को एक और मौका देते हैं तो इससे उनको आत्मविश्वास मिलेगा और हो सकता है कि ये रजत के लिए करियर बदलने वाला साबित हो जाए. रोहित खुद इस दौर से गुजर चुके हैं. धोनी ने रोहित को जमकर मौके दिए थे और उन्हें मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज से ओपनर बनाया था. इसलिए रोहित जानते हैं कि ऐसे समय खिलाड़ी क्या सोचता है और उसके साथ क्या किया जाना चाहिए. इसलिए उम्मीद है कि रोहित पांचवें टेस्ट में रजत को मौका देंगे.