नई दिल्ली। टी-20 क्रिकेट के इतिहास में भारतीय टीम को वेस्टइंडीज के खिलाफ पहली बार लगातार दो मैचों में हार का मुंह देखना पड़ा है। त्रिनिदाद में बल्लेबाजों ने लुटिया डुबाई, तो गुयाना में गेंदबाज बाजी को पलटने में नाकाम रहे। दूसरे टी-20 में कप्तान हार्दिक पांड्या की कप्तानी भी सवालों के घेरे में रही।
हार्दिक ने 16वें ओवर में दो विकेट लेकर मैच को रोमांचक बनाने वाले युजवेंद्र चहल से आखिरी ओवर नहीं करवाया। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि कप्तान हार्दिक ने उस बॉलर के हाथ में गेंद तक नहीं सौंपी, जो टीम इंडिया के लिए कई मैचों में अकेले दम पर बाजी पलट चुका है।
हार्दिक की यह कैसी कप्तानी?
रोहित शर्मा की कप्तानी में वनडे और टी-20 दोनों ही फॉर्मेट में अपने कोटे के पूरे ओवर फेंकने वाले अक्षर पटेल से कप्तान हार्दिक ने दूसरे टी-20 मैच में गेंदबाजी ही नहीं करवाई। हार्दिक ने रवि बिश्नोई की एक छोर से हो रही पिटाई के बावजूद अक्षर पटेल को मोर्च पर लगाना जरूरी नहीं समझा। गुयाना की पिच से स्पिनर्स को मदद मिल रही थी, जिसका फायदा युजवेंद्र चहल ने उठाया। ऐसे में अगर अक्षर को गेंदबाजी सौंपी जाती, तो शायद मैच का नतीजा भारत के पक्ष में आ सकता था।
चहल से नहीं डलवाया ओवर
वेस्टइंडीज की पारी के 16वें ओवर में युजवेंद्र चहल ने कमाल की गेंदबाजी करते हुए दो बड़े विकेट निकाले। चहल ने अपनी फिरकी के दम पर मैच को रोमांचक बना दिया था। वेस्टइंडीज के 8 विकेट गिर चुके थे और पुछल्ले बल्लेबाज क्रीज पर मौजूद थे। इसके बावजूद कप्तान हार्दिक ने चहल का बचा हुआ एक ओवर नहीं डलवाया। नतीजा यह हुआ कि तेज गेंदबाजों का कैरेबियाई बैटर्स आसानी से सामना करने में सफल रहे और वेस्टइंडीज दो विकेट से बाजी मारने में कामयाब रही।