लखनऊ : देश के विभिन्न राज्यों महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और मध्य प्रदेश की तरह ही अब उत्तर प्रदेश सरकार भी परिवहन विभाग के मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर्स को पाॅवर देगी. अभी तक यूपी में ये पाॅवरलेस हैं, लेकिन कुछ ही दिनों में पाॅवर से लैस हो जाएंगे.
दरअसल, हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने परिवहन विभाग में तैनात आरआई के पद को एमवीआई में परिवर्तित कर दिया है. अब यूपी से आरआई का पद खत्म हो गया है और इसकी जगह एमवीआई ने ले ली है. पद नाम बदला, लेकिन अभी तक एमवीआई को जो राज्य जितने अधिकार देते हैं वह अधिकार यूपी में नहीं मिले हैं. अब परिवहन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है. जल्द ही शासन की तरफ से इस प्रस्ताव पर मुहर लगेगी और एमवीआई भी एआरटीओ प्रवर्तन और पीटीओ की तरह सड़क पर उतरकर वाहनों की चेकिंग कर सकेंगे. तकनीकी जांच करेंगे. साथ ही शोरूम में भी जाकर गाड़ियों की चेसिस भी वेरिफाई करेंगे.
अभी तक देश में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ही ऐसे राज्य थे जहां पर परिवहन विभाग कार्यालय में मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर तैनात नहीं थे. यहां पर तकनीकी अधिकारी के रूप में आरआई की तैनाती है, लेकिन हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने अन्य राज्यों की तरह ही उत्तर प्रदेश के परिवहन विभाग कार्यालय में तैनात आरआई का पद नाम बदलकर एमवीआई कर दिया. इसके बाद अब सिर्फ उत्तराखंड ही ऐसा राज्य बचा है जहां पर अभी भी आरआई पदनाम बरकरार है.
आरआई से एमवीआई पदनाम में परिवर्तित हुए अधिकारियों को अब मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर पदनाम के अंतर्गत आने वाले प्राधिकार भी सौंपे जाने की तैयारी शुरू हो गई है. अब वे उत्तर प्रदेश की सड़कों पर उतरेंगे, साथ ही कार्यालय में भी अपनी पहले की तरह ही भूमिका निभाते रहेंगे. यानी एमवीआई अब दोहरा काम करेंगे. कार्यालय में आने वाली गाड़ियों की तकनीकी जांच कर फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करेंगे तो सड़क पर उतरकर तकनीकी रूप से अनफिट होते हुए भी दौड़ रही गाड़ियों की चेकिंग कर कार्रवाई भी करेंगे.
मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर के सड़क पर उतरने से फायदा ये होगा कि कागजों पर फिट लेकिन भौतिक रूप से अनफिट वाहन जो दुर्घटना का सबब बन सकते हैं उन पर नकेल कसी जा सकेगी. इसके बाद यह वाहन हादसे का कारण नहीं बनेंगे जिससे बढ़ते सड़क हादसों का ग्राफ भी नियंत्रित किया जा सकेगा. परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि प्रवर्तन कार्य की भूमिका जब मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर निभाएंगे तो इसका काफी लाभ विभाग को भी मिलेगा. विभाग के राजस्व में इजाफा होगा और अनफिट वाहनों से असमय ही काल के गाल में समा जाने वाले लोगों को भी बचाया जा सकेगा.