नई दिल्ली. पहली बार, दिल्ली पुलिस के जवान आपातकालीन स्थिति के दौरान यातायात जाम में फंसने से बचने और घटनास्थल पर जल्दी पहुंचने के लिए हथियारों के साथ मेट्रो ट्रेन में सफर करते नजर आएंगे. यह जानकारी अधिकारियों ने शुक्रवार को दी. अधिकारियों के मुताबिक, डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन) और मेट्रो स्टेशन पर सुरक्षा जांच के लिए तैनात सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) के साथ हाल ही में हुई बैठक में दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव पर हरी झंडी मिल गई है. फिलहाल दिल्ली पुलिस के जवानों को हथियार लेकर मेट्रो में सफर करने की इजाजत नहीं है.
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) के लिए अंतिम तौर-तरीके तैयार कर लिये गए हैं और अगर संभव हुआ तो इसे दिल्ली में लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जा सकता है. अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें संकट या कानून-व्यवस्था की स्थिति के दौरान हथियारों के साथ मेट्रो में सफर करने की मंजूरी डीएमआरसी से मिल गई है. इस मामले को लेकर 16 अप्रैल को डीएमआरसी और सीआईएसएफ समेत सभी हितधारकों के साथ एक बैठक हुई थी.’
बिना टोकन के भी सफर संभव
अधिकारी ने कहा कि कर्मियों का एक समूह बिना टोकन के सफर कर सकता है, लेकिन सफर से पहले उनके प्रभारी या प्रमुख को इसका कारण और कर्मियों का विवरण डीएमआरसी को देना होगा. उन्होंने कहा कि स्थिति के आधार पर कर्मियों के लिए एक कोच आवंटित किया जा सकता है. अधिकारी ने कहा, ‘उक्त सफर भुगतान के आधार पर होगा और सफर करने वाला प्रत्येक कर्मी वर्दी पहनेगा.’
दंगो की स्थिति में जल्दी पहुंचेगी पुलिस
अधिकारी ने दंगे जैसी स्थिति का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में अतिरिक्त बल की आवश्यकता होती है और दिल्ली में भीड़भाड़ के कारण बसों में बड़ी संख्या में उनकी आवाजाही मुश्किल हो जाती है. उन्होंने कहा कि कभी-कभी एक जिले से दूसरे जिले तक पहुंचने में एक घंटे से भी अधिक समय लग जाता है. उन्होंने कहा कि मेट्रो लाइन दिल्ली के लगभग हर हिस्से में फैल गई है और इसका उपयोग संकट के समय मौके पर पहुंचने के लिए समय बचाने में किया जा सकता है.
मेट्रो स्टेशन पर दिया जाएगा परिवहन
पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि योजना के अनुसार, बल को घटनास्थल तक पहुंचने के लिए मेट्रो स्टेशन से परिवहन सुविधा प्रदान की जाएगी. अधिकारी ने कहा कि इसमें अर्धसैनिक बलों के जवानों की आवाजाही भी शामिल है, यदि उन्हें आपात स्थिति के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में तैनात किया जाना है. बता दें कि राजधानी दिल्ली में साल 2014 में त्रिलोकपुरी इलाके में दंगे हुए थे. इसके बाद 2020 में एनआरसी और सीएए को लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे हुए.