नया साल यानी 2023 शुरू होने में बस दो दिन बचे हैं. इसी के साथ आपके निवेश से जुड़ी कई चीजें भी बदल रही हैं. पर अभी हम बात करेंगे सिर्फ इंश्योरेंस सेक्टर में बदलने जा रहे नियमों की. अभी देश में साधारण बीमा जैसे कि हेल्थ इंश्योरेंस, वाहन इंश्योरेंस और ट्रैवल इंश्योरेंस इत्यादि के लिए केवाईसी डॉक्युमेंट की जरूरत नहीं होती थी. पर नए साल में ये अनिवार्य हो जाएगा. पर इससे एक आम आदमी की जिंदगी या इंश्योरेंस लेने वाले को क्या फायदा होगा? ये हम आपको बताने जा रहे हैं…
वैसे आपको बताते चलें कि केवाईसी यानी Know Your Customer डॉक्यूमेंट को अनिवार्य बनाने का काम बीमा रेग्युलेटर इरडा ने किया है. ये नियम न्यूनतम से न्यूनतम प्रीमियम वाली जनरल इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए भी समान रूप से लागू होगा.
केवाईसी को लेकर क्या है मौजूदा नियम ?
वर्तमान में गैर जीवन बीमा या साधारण बीमा खरीदने के लिए केवाईसी डॉक्यूमेंट अनिवार्य नहीं है. हेल्थ इंश्योरेंस के केस में अगर क्लेम की राशि 1 लाख रुपये से ज्यादा है, तब जरूर ग्राहकों को अपना पैन नंबर और आधार नंबर देना होता है. नई व्यवस्था में केवाईसी की इस प्रणाली को क्लेम की बजाय बीमा खरीदने के वक्त ट्रांसफर किया जा रहा है.
मौजूदा ग्राहकों पर लागू होगा नया नियम ?
अभी तक साधारण बीमा लेने वाले ग्राहकों के लिए केवाईसी डॉक्यूमेंट देना स्वैच्छिक था. ऐसे में जहां अब नई पॉलिसी लेने वाले ग्राहकों के लिए ये नियम अनिवार्य कर दिया गया है. वहीं जो मौजूदा ग्राहक हैं उनके लिए बीमा कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वो अपने ग्राहकों की KYC पूरी कराएं. इसमें भी लो-रिस्क वाली पॉलिसी के लिए दो साल का वक्त दिया गया है, जबकि हाई-रिस्क पॉलिसी के लिए केवाईसी अपडेट करने का समय 1 साल होगा. आपको इसकी जानकारी एसएमएस और ईमेल से मिलेगी.
आम आदमी को नए नियम से क्या फायदा ?
साधारण बीमा पॉलिसी लेने से पहले ही इस केवाईसी प्रोसेस को पूरा करने के पीछे एक वजह मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकना मानी जा रही है. इरडा ने अगस्त 2022 में इसके लिए गाइडलाइंस भी जारी की थीं. वहीं इसके कई फायदे आम आदमी को होने वाले हैं.
जैसे सबसे पहला फायदा तो ये होगा कि इससे बीमा के क्लेम में लगने वाला समय कम होगा. क्लेम की प्रोसेस फास्ट और आसान हो जाएगी. वहीं यह फर्जी क्लेम पर रोक लगाएगी और पॉलिसीहोल्डर्स के कानूनी वारिस को पेमेंट करना आसान होगा.
इस प्रोसेस का एक फायदा ये होगा कि इंश्योरेंस कंपनियां एक सेंट्रलाइज्ड डेटा बैंक बनाएंगी. इससे पॉलिसी रिकॉर्ड मेंटेन करना आसान होगा. इसका लॉन्ग टर्म में फायदा ये होगा कि ग्राहकों के लिए पॉलिसी रिन्यू कराने की प्रक्रिया तेज हो जाएगी, क्योंकि तब केवाईसी की डिटेल तक सभी साधारण बीमा कंपनियों की पहुंच सुनिश्चित होगी.