कीव l अमेरिका समेत नाटो देशों की किलर मिसाइलों के बल पर रूसी सेना में भारी तबाही मचा रहे यूक्रेन पर अब पुतिन की सेना ने पहली बार ‘ब्रह्मास्त्र’ से भीषण हमला किया है। रूस ने ऐलान किया है कि उसने यूक्रेन में हाइपरसोनिक मिसाइल किंझल का इस्तेमाल करके पश्चिमी देशों की ओर से दिए गए हथियारों के गोदाम को तबाह कर दिया है। रूस ने जिस किंझल मिसाइल का इस्तेमाल यूक्रेन में किया है, उसका तोड़ अमेरिका समेत दुनिया के किसी भी देश के पास नहीं है। आइए जानते हैं इस मिसाइल के बारे में सबकुछ…
यह वही मिसाइल है जिसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कुछ समय पहले एक ‘आदर्श हथियार’ करार दिया था। इस मिसाइल से यूक्रेन के डेलिअटयन गांव में हमला किया गया जो शहर के बाहर है और पहाड़ों से घिरा हुआ है। माना जा रहा है कि इस मिसाइल को MiG-31 सुपरसोनिक फाइटर जेट से दागा गया है जिसे रूस ने कालिनग्राद के चाकलोवस्क नेवल बेस में तैनात कर रखा है। कालिग्राद पोलैंड और लिथुआनिया की सीमा के पास स्थित रूसी शहर है जहां उसका एक विशाल सैन्य अड्डा भी मौजूद है।
आवाज से 10 गुना ज्यादा स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम
रूस की इस किंझल हाइपरसोनिक मिसाइल को साल 2018 में पुतिन ने देश को समर्पित किया था। यह मिसाइल आवाज से 10 गुना ज्यादा स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम हैं और परमाणु बम गिराने की ताकत रखती हैं। इतनी ज्यादा स्पीड की वजह से यह दुश्मन को प्रतिक्रिया देने का मौका नहीं देती है और उसे तबाह करके रख देती है। इस रूसी हाइपरसोनिक मिसाइल की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसका तोड़ अभी अमेरिका समेत किसी भी नाटो देश के पास नहीं है।
अमेरिका अभी हाइपरसोनिक मिसाइलों को तैनात करने के लिए युद्ध स्तर पर लगा हुआ है। किंझल हाइपरसोनिक मिसाइल करीब 2000 किमी तक मार कर सकती है। किंझल मिसाइल परंपरागत विस्फोटक के अलावा 500 किलोटन के परमाणु बम भी ले जा सकती है। ये परमाणु बम हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से 33 गुना ज्यादा शक्तिशाली हो सकते हैं। किंझल हाइपरसोनिक मिसाइल 3 किमी प्रति सेकंड की रफ्तार से हमला करने में सक्षम है। इसकी वजह से अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम भी इसके सामने फेल साबित होता है।