नई दिल्ली: दुनिया में परमाणु बम के विस्फोट का खतरा बढ़ गया है. रूस जिस तरह से यूक्रेन के साथ युद्ध (Russia Ukraine War) में उलझ गया है और यूक्रेन ने अब जिस प्रकार से लंबी दूरी की मिसाइलों (long range missile attack) को दागना शुरू कर दिया है उससे यह खतरा होता जा रहा है कि जल्द ही रूस कहीं कोई परमाणु हमला न कर दे. रूस ने कई दिनों पहले अपनी परमाणु नीति (Change in Russian Nuclear Policy) में बदलाव की घोषणा की थी.
नीति में जो बदलाव हुआ है उसके हिसाब से रूस के पास अब परमाणु हमला करने के सारे रास्ते खुल गए हैं. यह केवल यूक्रेन के लंबी दूरी की मिसाइलों के प्रयोग के बाद हुआ है. यूक्रेन ने अभी तक रूस के खिलाफ युद्ध में अमेरिका द्वारा दी गई लंबी दूरी की मिसाइल का इस्तेमाल किया था और अब ब्रिटेन की दी हुई लंबी दूरी की मिसाइल का प्रयोग भी रूस पर कर दिया है. इधर, रूस इससे काफी नाराज़ हो गया है. यह अलग बात है कि रूस ने इन हमलों को नाकाम करने की बात भी कही है. रूस के पास अपना मिसाइल हमले को विफल करने का सिस्टम है.
रूस ने दे दी है परमाणु हमले की धमकी
लेकिन, रूस की नाराज़गी यूक्रेन सहित यूरोप के कई देशों पर परमाणु हमले का खतरा मंडराने लगा है. इसके चलते कुछ यूरोपीय देशों ने यूक्रेन से दूरी बना ली है. अमेरिका ने यूक्रेन की राजधानी कीव से अपना दूतावास भी बंद कर दिया है. साथ ही कुछ अन्य देशों ने अपने नागरिकों को ऐसा होने की स्थिति में क्या करना है इसके बारे में जानकारी देना भी आरंभ कर दिया है.
ईरान-इजरायल में तनाव
दूसरी तरफ इजरायल की भी ईरान के साथ तनातनी जारी है. ऐसे में ईरान भी अपने को परमाणु शक्ति संपन्न देश मानता है और साफ कहता है कि जरूरत पर वह हर प्रकार के हथियार का प्रयोग करने के लिए स्वतंत्र है.
सवाल उठता है कि यदि रूस ने परमाणु हथियार का प्रयोग किया तब क्या होगा. रूस ने परमाणु हमला तो क्या और कितनी होगी तबाही.
परमाणु बम विस्फोट के परिणाम अत्यंत विनाशकारी और व्यापक होते हैं. इसे पूरी दुनिया ने अमेरिका के जापान पर किए गए हमलों के असर से देखा है. उसके बाद इस पर काफी अध्ययन भी हुआ और समझने का प्रयास हुआ कि यह कितना खतरनाक बम है. परमाणु बम के हमले के प्रभाव को कुछ इस प्रकार समझा जा सकता है.
परमाणु बम के हमले का क्या होता है असर
सबसे पहले यह जान लें कि जहां पर परमाणु बम गिरता है वहां कैसी स्थिति होती है. जिस स्थान पर परमाणु बम का हमला होता है उसके आस-पास की इमारतों और लगभग सभी निर्माण, जीव जन्तू, पेड़-पौधे सब नष्ट हो जाता है. एक विशाल शॉकवेव उत्पन्न होती है और यह आस-पास के करीब 2 किलोमीटर की परिधि तक असर डालती है. यह भी बम की क्षमता और प्रयोग में लाए गए मैटिरियल पर निर्भर करता है. साथ ही उस स्थान पर तापमान हजारों डिग्री तक पहुंच जाता है, आस-पास की सभी चीज जलकर राख हो जाती है. भीषण गर्मी पैदा होती है. इसके साथ ही आस-पास के कई किलोमीटर दूर तक के इलाके में गंभीर रेडिएशन से तमाम तरह की बीमारी हो जाती है.
रेडिएशन सबसे खतरनाक
रेडिएशन से कैंसर, डीएनए में बदलाव और गंभीर चोटें, अंगभंग और विकलांगता की बीमारियों हो जाती है. कई प्रकार के चर्म रोग और जलन की समस्या त्वरित प्रभाव में देखने को मिलते हैं.
सालों तक असर भुगतती है मानवता और पर्यावरण
ऐसा नहीं है कि परमाणु बम के हमले के बाद केवल कुछ समय के लिए समस्या होती है. बल्कि, दीर्घकालिक समस्याएं भी होती हैं. जो रेडिएशन निकलती हैं वह कई वर्षों तक और कुछ पीढ़ियों तक अपना कुप्रभाव डालती हैं. जिस क्षेत्र में हमला होता है वहां के पर्यावरण पर गंभीर असर होता है. सालों तक उस इलाके की भूमि बंजर हो जाती है. पर्यावरण को गंभीर नुकसान होता है. मिट्टी, पानी और हवा प्रदूषित हो जाती है. इन सबका असर खेती, पीने के पानी तक पर पड़ता है.
तापमान में कमी
हवा में बड़े पैमाने पर धूल और धुआँ लंबे समय तक असर डालता है. इसकी मोटी परत वायुमंडल में हो जाने के चलते सूर्य का प्रकाश उस इलाके में धरती में पहुंच नहीं पाता है या कम पहुंच पाता है. इससे तापमान में गिरावट देखने को मिलती है.
एक देश पर इस प्रकार की घटना का असर देखा जाए तो आर्थिक से लेकर लोगों की अलग-अलग प्रकार की समस्याओं से उसका सामना होता है. इससे यह समझा जा सकता है कि किस प्रकार परमाणु बम का हमला किसी एक स्थान ही नहीं बल्कि आस-पास के कई किलोमीटर और देश छोटा हुआ तो पड़ोसी देशों तक पर इसका असर देखने को मिल सकता है.