नई दिल्ली l यूक्रेन पर रूसी हमले की बढ़ती आशंकाओं के बीच रूस के रक्षा मंत्रालय की तरफ से एक बड़ा बयान सामने आया है. रूस ने कहा है कि यूक्रेन की सीमा पर तैनात कुछ सैन्य टुकड़ियां अपने ठिकानों पर वापस लौट रही हैं.
समाचार एजेंसी एएफपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘दक्षिणी और पश्चिमी सैन्य जिलों की इकाइयों ने सैन्य अभ्यास को पूरा कर लिया है. वो पहले से ही रेल और सड़क परिवहन पर अपने सामान को लोड कर रहे थे और आज वे अपने सैन्य चौकियों में लौटना शुरू कर देंगे.’
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन विवाद को कम करने के लिए मंगलवार को जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से मिलने वाले हैं. इसके ठीक पहले रूसी समाचार एजेंसियों ने ये जानकारी दी है. हालांकि, रूस की तरफ से ये स्पष्ट नहीं है कि कितनी संख्या में सैन्य टुकड़ियां यूक्रेन की सीमा से वापस लौट रही हैं और इसका यूक्रेन की सीमा पर तैनात लाखों रूसी सैनिकों की संख्या पर क्या प्रभाव पड़ेगा. इसे महीनों से चले आ रहे रूस-यूक्रेन तनाव के बीच रूस की तरफ से तनाव को कम करने की पहली कोशिश माना जा रहा है.
ब्रिटेन ने रूस के इस कदम पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री लिज ट्रस ने एलबीसी रेडियो को दिए एक इंटरव्यू में कहा, रूस ने दावा किया है कि उनका यूक्रेन पर हमले का कोई इरादा नहीं है लेकिन हम इस पर तभी यकीन करेंगे जब रूस यूक्रेन सीमा के पास से अपनी पूरी सेना को वापस बुला लेगा.
यूक्रेन के विदेश मंत्री डिमित्रो कुलेबा ने कहा, कीव इस बात पर यकीन तभी करेगा जब वह अपनी आंखों से रूस की सेना को पीछे हटते देखेगा. अगर रूस यूक्रेन की सीमा के नजदीक तैनात अपनी सेना को वापस बुलाता है तभी हम रूस की तनाव कम करने की कोशिशों पर भरोसा कर पाएंगे.
जर्मन विदेश मंत्री ने दी थी चेतावनी
जर्मन चांसलर और पुतिन की मंगलवार की वार्ता से पहले, जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक ने चेतावनी दी है कि ‘स्थिति विशेष रूप से खतरनाक है और किसी भी समय तनाव और बढ़ सकता है.’ उन्होंने एक बयान में कहा, ‘पीछे हटने और तनाव कम करने की जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से रूस पर है. रूस की जिम्मेदारी बनती है कि वो अपने सैनिकों को वापस बुला ले. शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचने के लिए हमें बातचीत के सभी अवसरों का उपयोग करना चाहिए.’
रूस-बेलारूस सैन्य अभ्यास ने तनाव को और बढ़ाया
रूस ने यूक्रेन की सीमा पर एक लाख से अधिक सैनिकों की तैनाती कर रखी है. अमेरिका लगातार ये चेतावनी दे रहा है कि अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो वो उस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा.
रूस बेलारूस के साथ मिलकर सैन्य अभ्यास कर रहा है जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है. 10 फरवरी से शुरू हुए इस सैन्य अभ्यास में 30 हजार से अधिक रूसी सैनिक भाग ले रहे हैं. ये सैन्य अभ्यास 10 दिनों तक यानी 20 फरवरी तक चलेगा जिसमें टैंक, लड़ाकू विमान और सभी आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है. यूक्रेन पर हमले की आशंकाओं के बीच रूस के इस सैन्य अभ्यास को लेकर अमेरिका चिंतित है.
तनाव कम होने की उम्मीद
सोमवार को पुतिन के विदेश और रक्षा मंत्रियों की टिप्पणियों से तनाव के कम होने की कुछ उम्मीद जगी है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठक में रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने कहा था कि ‘रूसी युद्ध के कुछ अभ्यास जल्द ही खत्म होने वाले हैं’. वहीं, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने सोमवार को ही पुतिन से मुलाकात के दौरान कहा था कि यूक्रेन के मुद्दे पर रूस पश्चिमी देशों के साथ एक समझौते पर पहुंचने के लिए हमेशा तैयार है. इस बीच यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने कहा कि सोमवार को उन्होंने बेलारूस के रक्षा मंत्री से बात की और उन्हें आश्वासन मिला है कि बेलारूस की तरफ से यूक्रेन को कोई खतरा नहीं है.
खबर इनपुट एजेंसी से