भोपाल: भेल के एक अधिकारी को हनीट्रैप में फंसाने के मामले में अब एसआईटी जांच करेगी। इस मामले में मुख्य आरोपी शशांक वर्मा और पीड़ित अधिकारी के बीच 100 से ज्यादा बार बातचीत हुई है, यह जानकारी आरोपी की सीडीआर से मिली है। हालांकि, आरोपी ने बताया है कि अधिकारी अपनी मर्जी से जबलपुर गया था, लेकिन पुलिस को शक है कि आरोपी जांच को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। इस मामले में शामिल ‘रशियन’ लड़की का अब तक पता नहीं चल पाया है। वह भोपाल पुलिस के लिए मिस्ट्री बनी हुई है।
मामले की जांच के लिए गठन किया
भेल अधिकारी हनीट्रैप मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है, जिसका नेतृत्व एसीपी दीपक नायक करेंगे। मुख्य आरोपी शशांक वर्मा से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
अपनी मर्जी से गया था जबलपुर
आरोपी ने दावा किया है कि अधिकारी अपनी मर्जी से जबलपुर गया था। लेकिन, पुलिस को यकीन नहीं है। पुलिस का मानना है कि आरोपी झूठ बोल रहा है और जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। आरोपी की सीडीआर से पता चला है कि पीड़ित अधिकारी और उसके बीच पिछले एक महीने में 100 से ज्यादा बार बात हुई है। सीडीआर में कई संदिग्ध नंबर भी मिले हैं। पुलिस को आशंका है कि ये नंबर दलालों के हो सकते हैं।
फोटो और वीडियो मिला
इस शक को और बल मिला है क्योंकि आरोपी के मोबाइल से कई लड़कियों के फोटो और वीडियो बरामद हुए हैं। डीसीपी श्रद्धा तिवारी ने मीडिया ने बताया कि शुक्रवार को आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस मामले में शशांक वर्मा के साथी ममता द्विवेदी, दीपक भगोरे और पूजा राजपूत फिलहाल फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।