Friday, May 16, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home अंतरराष्ट्रीय

पलक झपकते ही F-35 लड़ाकू विमान मार गिराएगा रूस का नया ‘ब्रह्मास्त्र’, सभी टेस्ट पूरे

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
14/07/21
in अंतरराष्ट्रीय, समाचार
पलक झपकते ही F-35 लड़ाकू विमान मार गिराएगा रूस का नया ‘ब्रह्मास्त्र’, सभी टेस्ट पूरे

google image

Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

नई दिल्ली l रूस ने दुनिया की सबसे आधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-500 के सभी ट्रायल पूरे कर लिए हैं। रूसी वायु सेना के मिसाइल ट्रूप्स के के मेजर जनरल सर्गेई बाबाकोव ने बताया है कि नई पीढ़ी के S-500 वायु रक्षा प्रणाली के कॉम्बेट मिसाइल लॉन्च सहित सभी परीक्षणों की सीरीज को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। S-500 मिसाइल सिस्टम को रूसी हथियार कंपनी अल्माज-एनेटी कॉर्पोरेशन ने बनाया है। यह वही कंपनी है, जिसने इसके पहले S-300 और S-400 का उत्पादन किया है। दुनिया के सबसे ज्यादा अडवांस माने जाने वाले इस सिस्टम को जल्द ही रूसी सेना में तैनात किया जाएगा।

रूस का दावा है कि इस सिस्टम के अत्याधुनिक रडार से दुश्मनों के स्टील्थ लड़ाकू विमान भी बच नहीं पाएंगे। ऐसे में अमेरिका के लिए पुतिन का यह ऐलान चिंता बढ़ाने वाला हो सकता है। दरअसल, अमेरिका का दावा है कि उसके एफ-35 लड़ाकू विमान को दुनिया का कोई भी रडार पकड़ नहीं सकता। इतना ही नहीं, अमेरिका को यह भी डर है कि रूस आने वाले दिनों में उसके दुश्मन देशों के यह सिस्टम बेच सकता है। S-500 डिफेंस सिस्टम को प्रोमटी भी कहा जाता है।

पिछले हफ्ते रूसी समाचार आउटलेट Krasnaya Zvezda से बात करते हुए, मेजर जनरल बाबाकोव ने विस्तार से बताया कि S-500 को मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस एंटी एयरक्राफ्ट और एंटी मिसाइल सिस्टम को पूरी तरह से नई पीढ़ी के हथियार के रूप में विकसित किया गया है। अगर, जरूरी हो तो यह सिस्टम अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (आईसीबीएम) को उनके उड़ान पथ के अंतिम चरण में नष्ट कर सकता है। इतना ही नहीं, एस-500 हाइपरसोनिक विमान और मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) को नष्ट करने में सक्षम है। बाबकोव ने कहा ने कहा कि S-500 वायु रक्षा प्रणाली हर प्रकार से हाइपरसोनिक हथियार, यहां तक कि निचले अंतरिक्ष में मौजूद हवाई लक्ष्य को नष्ट करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि इससे यह विश्वास के साथ कहना संभव हो जाता है कि यह मिसाइल प्रणाली अद्वितीय है।

600 किमी दूर तक दुश्मनों का काल बनेगी S-500 की मिसाइल
एस-500 मिसाइल सिस्टम 600 किलोमीटर की दूरी पर दुश्मनों की बैलिस्टिक मिसाइलों और लगभग 500 किलोमीटर की दूरी पर विमान को मार सकता है। इस रूसी सैन्य अधिकारी ने बताया कि टेस्टिंग के दौरान आधुनिक एयरोस्पेस हमले के हथियारों या अधिक उन्नत क्षमताओं वाले तकनीकी विशिष्टताओं से भरे लक्ष्यों पर निशाना साधा गया। मेजर जनरल के अनुसार, एस-500 मिसाइल सिस्टम के क्रू ने छोटे आकार के कम-ऊंचाई और कम गति से उड़ने वाली वस्तुओं को इंटरसेप्ट करके अपने कौशल को निखारा है। इन सैनिकों ने अधिक ऊंचाई और अधिक स्पीड पर उड़ने वाले लक्ष्यों को ट्रैक कर उसे ट्रेनिंग के दौरान सफलतापूर्वक खत्म कर दिया। इससे इन सैनिकों को दुश्मन के हाइपरसोनिक मिसाइलों को ट्रैक करने और उसे मार गिराने की तकनीक भी मिल गई।

S-500: S-400 का अपग्रेड या पूरी तरह से नया हथियार?
पिछले साल दिसंबर में रूसी उप रक्षा मंत्री एलेक्सी क्रिवोरुचको ने खुलासा किया कि एस -500 मिसाइल प्रणाली और वोरोनिश लॉन्ग रेंज अर्ली वॉर्निंग रडार परीक्षण पूरा करने के बाद 2021 की शुरुआत में सेवा में शामिल हो सकते हैं। लंबी दूरी तक के ये अर्ली वॉर्निंग रडार किसी भी मिसाइल रक्षा प्रणाली की रीढ़ होते हैं। वोरोनिश फैमिली के तीन रडार बैलिस्टिक मिसाइल और विमान हमलों के खिलाफ रूसी हवाई क्षेत्र की निगरानी करते हैं। इनमें पहला वोरोनिश-एम (मीटर बैंड), दूसरा वोरोनिश-डीएम (डेसीमीटर बैंड), और तीसरा वोरोनिश-एसएम (सेंटीमीटर बैंड) हैं। ये तीनों रडार एक ही प्रणाली पर काम करते हैं जिनका प्रमुख लक्ष्य दुश्मन के टॉरगेट को सटीकता से मापना और उसकी जानकारी ऑपरेटर तक पहुंचाना है।

इस साल के अंत तक रूसी सेना में शामिल होगा एस-500
रूसी एयरोस्पेस फोर्स के डिप्टी कमांडर-इन-चीफ लेफ्टिनेंट-जनरल आंद्रेई युडिन ने दिसंबर 2020 में एक इंटरव्यू में कहा था कि रूस 2021 में दुनिया के सबसे एडवांस S-500 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम पर अपना काम पूरा कर लेगा। उन्होंने रशिया टूडे बाततीच के दौरान कहा था कि एस-500 मोबाइल एयर डिफेंस और एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम विकसित करने का काम 2021 में पूरा होने वाला है। रूस के हथियारों में अब तक का सबसे सबसे उन्नत और आधुनित तकनीकी पर आधारित एंटी-मिसाइल सिस्टम है। पिछले साल ही रूसी उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव ने आधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम के चरणबद्ध परीक्षण की घोषणा की थी।

अमेरिकी F-35 को मार गिराने में सक्षम है S-500
रूस का दावा है कि उसके S-500 डिफेंस सिस्टम अमेरिका के F-35 लड़ाकू विमान को भी मार गिराने में सक्षम है। वहीं, अमेरिका का दावा है कि उसका F-35A लड़ाकू विमान स्टील्थ तकनीकी से लैस है। जिसे किसी भी रडार के जरिए खोजा नहीं जा सकता है। रूसी अधिकारियों ने यह भी कहा है कि इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम के जरिए अंतरिक्ष की निचली कक्षा में स्थित दुश्मन के किसी भी सैटेलाइट को भी नष्ट किया जा सकता है। बता दें कि अधिकतर मिलिट्री सैटेलाइट या जमीन पर नजर रखने वाले अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट धरती की निचली कक्षा में ही होते हैं।

S-400 से अडवांस और ज्यादा रेंज वाला है S-500
S-500 डिफेंस सिस्टम को S-400 के आधार पर ही विकसित किया गया है। माना जा रहा है कि S-500 डिफेंस सिस्टम में 77N6 मिसाइल सीरीज के अलावा कई अन्य मिसाइलें भी तैनात होंगी। इस मिसाइल को दुश्मन के बैलिस्टिक मिसाइल को नष्ट करने के लिए S-400 के नए वर्जन में भी लगाया जाएगा। इस सिस्टम की अधिकतम रेंज 600 किलोमीटर होगी, जो 3 से 4 सेकेंड में प्रतिक्रिया देने में सक्षम होगा। एस-400 की तुलना में इस सिस्टम की मिसाइल 200 किलोमीटर की दूरी 6 सेकेंड कम समय में तय कर लेगी। यह इस बात की ज़िम्मेदारी भी ले सकता है कि दुश्मन की मिसाइल को कौन से फेज़ में गिराना है। लॉन्चिंग के तुरंत बाद, कुछ दूरी पर या करीब आने पर। अगर बूस्ट फेज़ यानी शुरुआत के समय ही मिसाइल ध्वस्त कर दी गई, तो उसके मलबे-राख से भी कोई नुकसान नहीं होगा। इसमें चार तरह की मिसाइल होती हैं। एक मिसाइल 600 किमी की रेंज वाली होती है, दूसरी 250 किमी, तीसरी 120 और चौथी 40 किमी की रेंज वाली होती है।


खबर इनपुट एजेंसी से

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.