विकाश शुक्ला/भोपाल। साल का पहला चन्द्र ग्रहण शुक्रवार 5 मई को पड़ रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुक्रवार को पड़ने वाले ग्रहण में चंद्रमा की चमक फीकी हो जाएगी। ज्योतिष विद्या के जानकारों का कहना है, की यह मान्ध ग्रहण है। यह ऐसे ग्रहण को भारत ज्योतिष में युति अथवा समागम कहते हैं, जो कि ग्रहण के श्रेणी में नहीं आता। इससे कोई सूतक नहीं लगता। ज्योतिष मठ संस्थान के प्रमुख पं. विनोद गौतम के अनुसार ऐसे ग्रहण से चन्द्रमा का प्रभाव कम पड़ता है, जिसकी वजह से यह प्राकृतिक प्रकोप, भूकंप आदि के योग निर्मित कर देता है।
जानिए क्या है मान्ध ग्रहण :
जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है, तब चंद्रग्रहण पड़ता है। लेकिन जब प्रतीक्षाया से होकर गुजरता है, तो उसकी चमक फीकी पड़ जाती है, इसे मान्ध ग्रहण कहते हैं। ऐसे ग्रहण को भारतीय ज्योतिष में युति अथवा समागम कहा जाता है। ज्योतिष जानकर पं. विनोद गौतम बताते हैं, कि यह ग्रहण की श्रेणी में नहीं आता है, इस वजह से इसका कोई सूतक भी नहीं होता है। परंतु चंद्रमा का प्रभाव कमजोर होने से प्राकृतिक प्रकोप भूकंप आदि के योग निर्मित कर देता है।
चतुरग्रही योग से होगा नुकसान :
कल शुक्रवार को पड़ने वाले मान्ध चंद्र ग्रहण को लेकर पं. विनोद गौतम का कहना है कि मेष राशि में वर्तमान समय पर चल रहे चतुर ग्रही योग का प्रभाव शुभ नहीं है। यह योग देश दुनिया में अशांति कारक है। एक राशि में 4 ग्रहों का होना अशुभ कारक उत्पाद कारक होता है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार मेष राशि में चार ग्रह यानी सूर्य, बुध, गुरु एवं राहु का चतुरग्रही प्रभाव होने से तटीय क्षेत्रों में सुनामी, सीमा क्षेत्रों में आतंकी गतिविधियों में वृद्धि कर सकता है। जबकि इस माह शनि मंगल का षडाष्टक योग यूरोपीय देशों में टकराव कराएगा। नया युद्ध संभव है, गुरु और राहु पर शनि की दृष्टि जन उपद्रव कारक है।