वाराणसी: वाराणसी के मंदिरों से साईं मूर्तियों को हटाया जा रहा है. सबसे पहले काशी के बड़ा गणेश मंदिर से साईं मूर्ति को हटाया गया. इसके साथ ही पुरुषोत्तम मंदिर से भी साईं मूर्ति को हटा दिया है. आने वाले दिनों में वाराणसी में कई और मंदिरों से मूर्तियों को हटाया जाएगा. सनातन रक्षक दल की ओर से ये कार्रवाई की जा रही है. जानकारी के मुताबिक, अब तक करीब 10 मंदिरों से साईं प्रतिमाओं को हटाया जा चुका है. सनातन रक्षक दल का कहना है कि अभी तक अज्ञानतवश पूजा कर रहे थे. इसीलिए अब इसको हटा रहे हैं. पूरे सम्मान के साथ मंदिर प्रबंधन से अनुमति के बाद साईं मूर्ति को हटाया जा रहा है.
नया नहीं है साईं बाबा के पूजा को लेकर विवाद
वैसे साईं पूजा को लेकर विवाद नया नही है. पहले भी शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने साईं पूजा का विरोध किया है. वहीं, पिछले दिनों बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री ने भी साईं पूजा का विरोध किया था. उन्होंने कहा था लोगों को लगता है कि मैं साईं बाबा का विरोधी हूं, लेकिन मैं उनका विरोधी नहीं हूं. महात्मा के रूप में बाबा पूजे जा सकते हैं, लेकिन परमात्मा के रूप में नहीं.
कपड़े में लपेटकर मंदिरों से हटाई गई साईं बाबा की मूर्तियां
वाराणसी के मंदिरों में स्थापित साईं प्रतिमाओं को हटाया जा रहा है. सबसे पहले काशी के बड़ा गणेश मंदिर से साईं मूर्ति को हटाया गया. सनातन रक्षक दल के सदस्यों बड़ा गणेश मंदिर में स्थापित साईं की प्रतिमा को कपड़े में लिपटकर मंदिर से हटा दिया. इसके अलावा दूसरे मंदिरों से भी साईं प्रतिमा को हटाने की तैयारी हो रही है.
साईं मूर्ति हटाने के पीछे क्या दिया जा रहा तर्क
दरअसल, सनातन रक्षक दल का कहना है कि हम साईं के विरोधी नहीं हैं. सनातन रक्षक दल का कहना है कि शास्त्रों के मुताबिक, किसी भी देवालय या मंदिर में मृत मनुष्यों की मूर्ति स्थापित कर पूजा वर्जित है. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में मंदिरों में केवल पंच देवों- सूर्य, विष्णु, शिव, शक्ति, और गणपति के स्वरूपों की मूर्तियां ही स्थापित की जा सकती हैं. वैसे इससे पहले शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती भी साईं पूजा का विरोध किया था.
क्या साईं बाबा का असली नाम है चांद मियां?
विरोध करने वालों का ये भी कहना है साईं बाबा का असली नाम चांद मियां है और वो मुस्लिम थे. इससे पहले भी कई धर्मगुरुओं ने साईं पूजा पर सवाल खड़े किए हैं.