नई दिल्ली: आध्यात्मिक गुरु ऋतेश्वर महाराज की तरफ से ऐलान किया गया है कि काशी में 1000 एकड़ के दायरे में सनातन विश्वविद्यालय खोला जाएगा इसमें गुरुकुल परंपरा की तर्ज पर वेद शास्त्र पुराण, योग, आयुर्वेद, वैदिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का अध्ययन होगा. इसके अलावा उन्होंने अपनी मांग को फिर से दोहराते हुए कहा कि जिस प्रकार से देश में पाठ्यक्रम के लिए अलग-अलग बोर्ड निर्धारित किए गए हैं. इस तरह से वेद शास्त्र पुराण और सनातन परंपराओं का व्यवस्था पूर्वक अध्ययन करने के लिए सनातन बोर्ड का भी गठन किया जाए.
आध्यात्मिक गुरु ऋतेश्वर महाराज की तरफ से काशी में एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा गया हैं कि 1000 एकड़ की भूमि के दायरे में जल्द ही इस धर्म नगरी में सनातन विश्वविद्यालय खोला जाएगा. इसमें हमारे प्राचीन धर्मशास्त्र वेद पुराण, आयुर्वेद, वेद विज्ञान, योग आधुनिक विज्ञान की शिक्षा को गुरुकुल परंपरा के तहत पढ़ाया जाएगा. उनका कहना है कि समाज को उन्नति के मार्ग पर ले जाने की क्षमता भारत की प्राचीन गुरुकुल परंपरा जैसी पद्धति में है और इस विश्वविद्यालय में भी पठन-पाठन के अलावा संयमित दिनचर्या, भारत के महापुरुषों का योगदान और अच्छा स्वास्थ्य देखभाल से लेकर विद्यार्थियों के भविष्य को सफल बनाने की नींव रखी जाएगी.
सनातन बोर्ड का भी गठन किया जाए
सरकार से मांग करते हुए यह भी कहा गया कि भारतीय परंपरा को अगली पीढ़ी तक विस्तार से पहुचाने और प्रसारित करने के लिए सनातन बोर्ड का भी गठन किया जाए. वाराणसी में शुरू होने वाले सनातन विश्वविद्यालय में मैकाले पद्धति के अनुसार नहीं बल्कि सनातन प्राचीन परंपरा की पहचान गुरुकुल पद्धति से पढ़ाई होगी. मैकाले पद्धति हमें गुलामी की याद दिलाती है.
संपूर्ण विश्व को परिवार समझता है अपना भारत
आध्यात्मिक गुरु ने स्पष्ट करते हुए कहा कि- विश्व के अलग-अलग देशों से संघर्षों की तस्वीर भी हमें कभी-कभी विचलित करती है . लेकिन हमारे भारत भूमि ने हमेशा से ही विश्व को शांति का मार्ग प्रशस्त किया है और आज के दौर में भी भारत में ही वह पूर्ण सामर्थ्य है कि दुनिया का नेतृत्व करते हुए उसे संघर्षों से मुक्ति दिलाकर शांति का मार्ग दिखाएं. और यह संकल्प तभी साकार होगा. जब सनातन विश्वविद्यालय जैसी संस्था विश्व की सबसे प्राचीन नगरी काशी में खुलेगी.
संस्कृति और परंपराओं के बारे में लोगों को बताएंगे
इस संस्था में हम अपने नौजवान साथियों को महापुरुष विवेकानंद जी, छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप सहित अनेक महापुरुषों के बारे में बताएंगे. इसके अलावा सनातन संस्कृति और परंपराओं के बारे में अधूरा ज्ञान रखने वाले लोगों को भी जागरूक कर सकेंगे. आध्यात्मिक गुरु ने यह भी कहा कि देश के राजनीतिक दलों को भारत के महापुरुषों के नाम पर सड़कों और भवनों का नाम रखना चाहिए.