पकड़े गए आरोपी पर दस हजार का ईनाम रखा था दून पुलिस ने
उत्तर भारत में संगठित होकर सक्रिय रूप से काम कर रहा था गिरोह
कई राज्यों में अरबों की धोखाधड़ी की थी बाबा और उसके साथियों ने
गुप्ता की संपत्ति कुर्क करने के लिए पुलिस ने मकान पर चिपकाया था चस्पा
देहरादून। दो दिन पूर्व राजपुर पुलिस द्वारा मिटटी सूंधाकर लोगों की जमीनों को हड़पने और कई लोगों से करोड़ों रुपये एंठकर फरार हो जाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए कुख्यात बाबा अमरीक सिंह के फरार चल रहे भू-माफिया संजय गुप्ता को आखिरकार सोमवार को राजपुर पुलिस ने उस समय कचहरी परिसर से उस समय गिरफ्तार कर लिया था जब वह अपने साथियों के साथ न्यायालय में सरेंडर करने के लिए आ रहा था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने सोमवार को अपने कार्यालय में जानकारी देते हुए बताया कि विगत दो दिन पूर्व राजपुर थानाध्यक्ष पीडी भटट और उनकी टीम ने कुख्यात भू-माफिया बाबा अमरीक सिंह को हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया था। बाबा अमरीक सिंह और उसके गिरोह में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए पुलिस ने संबंधित न्यायालयों से 82/83 की कार्रवाई करने के लिए नोटिस प्राप्त कर लिए थे और उनमे से एक संजय गुप्ता के हरियाणा के यमुनानगर स्थित मकान पर उसे चस्पा कर दिया था।
उन्होंने बताया कि राजपुर थाने पर गोविन्द्र सिंह पुण्डीर से भूमि विक्रय करने के नाम पर करोड़ों रुपये एठने और धोखाधड़ी करने के मामले मंे नामजद किए गए बाबा अमरीक सिंह और उसके साथियों पर दून पुलिस की कार्रवाई को देखते हुए हडकंप मचा हुआ था। एसएसपी ने बताया कि दून पुलिस की कार्यवाही के बाद से आरोपी लगातार फरार चल रहे थे।
उन्होंने बताया कि राजपुर थानाध्यक्ष पीडी भटट और उनकी टीम ने गिवत 14 जुलाई को गिरोह के सदस्य मोहम्मद अदनान पुत्र स्व. मोहम्मद गुफरार, और 19 जुलाई को अमजद अली पुत्र यूनुस अली, शरद गर्ग पुत्र संजीव गर्ग और साहिल पुत्र संजय कुमार और रणवीर को उत्तर प्रदेश और हरियाणा से गिरफ्तार कर सुद्धोवाला जेल भेजा गया था। उन्होंने बताया कि बाबा अमरीक सिंह गिरोह से जुड़े संजव कुमार और संजय गुप्ता के खिलाफ संबंधित न्यायालय से गैर जमानती वारंट लेने के बाद पुलिस ने उनकों पकड़ने की मुहिम छेड़ दी थी।
इस दौरान दोनों फरार भू-माफियाओं पर दस हजार रुपये का ईनाम घोषित कर दिया गया था। राजपुर पुलिस की कार्रवाई से विचलित होते हुए आरोपियों ने संबंधित न्यायालय में अपने आपकों सरेंडर करने की अर्जी लगा दी थी। एसएसपी ने बताया कि आरोपियों द्वारा न्यायालय के समक्ष सरेंड किए जाने की दरखास्त लगा दिए जाने की जानकारी के बाद राजपुर थानाध्यक्ष पीडी भटट को कचहरी मंे डेरा डालने और जाल बिछाने कर आरोपियों को पकड़ने के निर्देश दिए गए थे।
एसएसपी के निर्देश के बाद हरकत में आए थानाध्यक्ष ने सोमवार को कचहरी परिसर को छावनी मंे तब्दिल कर दिया। पुलिस द्वारा बिछाए गए जाल में आखिरकार संजय गुप्ता आ ही गया। राजपुर पुलिस ने उसे न्यायालय के समीप से उस समय अपनी पकड़ मंे ले लिया जब वह कोर्ट में सरेंडर करने के लिए जा रहा था।
वहीं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पकड़े गए बाबा अमरीक सिंह गिरोह के सक्रिय सदस्य संजय गुप्ता को न्यायालय में पेश कर उसका रिमांड प्राप्त किया जाएगा और उससे कड़ाई से पूछताछ कर इस बात का सुराग लगाया जाएगा की बाबा अमरीक सिंह और उसकी संपत्ति किस-किस राज्य में कहां-कहां पर है।
वहीं राजपुर थाने पर पूछताछ के दौरान पकडे गए संजय गुप्ता ने बताया कि अमरीक सिंह के गिरोह में शामिल सदस्य के सदस्यों के साथ मिलकर वह लोगों को जमीन दिलवाने की एवज में उनके साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करता था। लोगों को विश्वास में लेने के लिए वह उक्त जमीन की मिटटी लेकर उसे बाबा के पास भेज देता था और वह उसे सूंधकर लोगों को विश्वास में लेता था कि वह जमीन उनके लिए प्रयुक्त है उसकी एवज में वह करोड़ों रुपये का लेनदेन करता था।
एसएसपी ने बताया कि कई राज्यों में बाबा अमरीक सिंह और उसके गिरोह में शामिल लोगों की अरबों की संपत्ति है जो कि धोखाधड़ी कर अर्जित की गई थी। पुलिस ने संजय गुप्ता को संबंधित न्यायालय मंे पेश किया जहां से उसे सुद्धोवाला जेल भेज दिया गया।