नई दिल्ली: शिवपुराण के अनुसार मंदिर में पूजा के दौरान हुई गलती के लिए एक मंत्र के बारे में बताया गया है. यह उपाय मंदिर में पूजा के दौरान हुई छोटी से लेकर बड़ी गलती को माफ करने के लिए कारगर है. दरअसल कई बार भक्तों से मंदिर में पूजा के दौरान कई छोटी बड़ी गलतियां हो जाती हैं, जिसके लिए वह अपने आपको माफ न करने या फिर पाप लगने जैसी धारणा को मन में लेकर पछताता है. लेकिन ऐसा किसी के साथ न हो इसके लिए मंदिर में जाने से पहले एक मंत्र का उच्चारण करने के बारे में बताया गया है.
यदि कोई व्यक्ति इस मंत्र को मंदिर में अंदर जाने से पहले उच्चारण करता है तो उसे किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा. कई बार भक्तों से मंदिर में जाने के दौरान कोई ना कोई गलतियां हो जाती हैं, जिसकी वजह से उनकी पूजा का पूरा फल नहीं मिलता. शिवपुराण में मंदिर में जाने के कुछ खास नियम बताए गए हैं. इन नियमों के अनुसार मंदिर में अनुशासन में रहना चाहिए. आइए विस्तार में इन नियमों को जानें.
मंदिर के द्वार पर जरूर बोलें ये शब्द
शिवपुराण के अनुसार मंदिर में प्रवेश करने से पहले द्वार पर भक्तों को पंचाक्षरी मंत्र ऊं नमः शिवाय जरूर बोलना चाहिए. दरअसल शिवपुराण के अनुसार इस मंत्र को काफी शक्तिशाली माना गया है. इस मंत्र को ऐसे ही शक्तिशाली नहीं माना जाता. इस एक मंत्र में संपूर्ण शास्त्र का ज्ञान बसा हुआ है. इस मंत्र के उच्चारण से न सिर्फ मंदिर में की गई पूजा में हुई गलतियों की माफी मिलती है बल्कि देवी-देवताओं के आशीर्वाद की भी प्राप्ति होती है. इस मंत्र के उच्चारण से मोक्ष की भी प्राप्ति होती है. इस मंत्र को न सिर्फ मंदिर के द्वार पर बोल सकते हैं बल्कि मंदिर के अंदर बैठे हुए या खड़े हो कर भी बोल सकते हैं.
चौखट पर न रखें पैर
वहीं शिवपुराण के अनुसार मंदिर की चौखट पर देवी देवताओं के द्वारपाल बैठे होते हैं. यही कारण है कि मंदिर की चौखट पर पैर रखने के बजाय उसे फांद कर जाना सही माना जाता है. ऐसा करने से आप पापी के भागी नहीं बनते.