देहरादून : पीएफ-प्रोविडेंट फंड में एक घपला सामने आया है। कर्मचारियों से जुड़े पीएफ मामले पर अब जांच की बात की जा रही है। वन विभाग में तैनात आउटसोर्स कर्मचारियों के पीएफ में बड़ा घपला पकड़ में आया है। कर्मचारियों का 43.53 लाख रुपये ईपीएफओ में जमा ही नहीं कराया गया।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने आउटसोर्स एजेंसी के साथ ही हरिद्वार और देहरादून जिले के सभी डीएफओ को नोटिस जारी किए हैं। देहरादून के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त विश्वजीत सागर ने बताया कि वन विभाग उज्ज्वल लेबर कांट्रेक्टर से वर्ष 2011 से आउटसोर्स करता आ रहा है। इन कर्मचारियों में से कई का पीएफ जमा नहीं किया जा रहा है।
हरिद्वार और देहरादून जिले के पांच डिविजन की 2011 से 2021 तक जांच की गई, इसमें आउटसोर्स कर्मियों का 43.53 लाख रुपये बकाया निकला है। ईपीएफओ 2021 से अब तक की जांच भी अलग से कर रहा है। विश्वजीत सागर ने बताया कि इस मामले में देहरादून और हरिद्वार जिले के पांच डिविजन के डीएफओ के साथ ही आउटसोर्स एजेंसी को बकाया वसूली के नोटिस जारी किए गए हैं।
ये भी हैं जांच के घेरे में
क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने बताया कि वन विभाग के गढ़वाल क्षेत्र के बाकी डिवीजन, राजाजी नेशनल पार्क, वन निगम में भी उज्ज्वल लेबर कांट्रेक्टर से आउटसोर्स पर कर्मचारी रखे जा रहे हैं। इनके पीएफ कटौती को लेकर भी जांच की जाएगी।
श्रीनगर नगर पालिका ने जमा किए 1.27 करोड़ रुपये
हाल में ईपीएफओ ने कर्मचारियों के भविष्य निधि के मामले में बड़ी वसूलियां भी की हैं। नगर पालिका श्रीनगर(नगर निगम बनने से पहले) ने 1.27 करोड़ रुपये, मोड हाईक प्राइवेट लिमिटेड 14.46 लाख, विनयक टेक हरिद्वार 13.37 लाख, लखानी शूज 17.57 लाख, उत्तराखंड रोडवेज 43.53 लाख और मैहवार कलां सहकारी श्रम संविदा समिति हरिद्वार से 6.95 लाख रुपये पीएफ बकाया का जमा करवाया है।
पीएफ जमा नहीं करने पर 400 संस्थान डिफॉल्टर
देहरादून। ईपीएफओ ने 400 संस्थानों को पीएफ कटौती में गड़बड़ी और पीएफ जमा नहीं करने के मामले में डिफाल्टर घोषित किया है। इसमें कोटद्वार की केएमसी इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड की जांच में भारी अनियमितता मिली है। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त विश्वजीत सागर ने बताया कि इस कंपनी पर 300 से ज्यादा कर्मचारियों के पीएफ का 1.05 करोड़ रुपये बकाया है।
इसके अलावा भगवानपुर रुड़की की कंपनी अवीना मिल्क प्रोडक्ट्स लिमिटेड पर 2015 से 2019 तक के पीएफ कटौती मामलों की जांच में 33.79 लाख रुपये की वसूली का नोटिस जारी किया गया है।