नई दिल्ली l पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट से लोगों में घबराहट बढ़ती जा रही है. हालात से निपटने के लिए जगह-जगह फिर से पाबंदियों का दौर शुरू हो गया है. इसी बीच ओमिक्रॉन के खिलाफ ऐसी बड़ी खबर सामने आई है, जिससे आप राहत महसूस कर सकते हैं.
ओमिक्रॉन के खिलाफ मिला ये हथियार
रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने उन एंटीबॉडीज की पहचान की है, जो ओमिक्रॉन समेत कोरोना के सभी वेरिएंट को बेअसर कर सकते हैं. ये एंटीबॉडीज कोरोना वायरस के उन हिस्सों को निशाना बनाती हैं, जिनमें म्यूटेशन (जीन में बदलाव) के दौरान भी कोई बदलाव नहीं होता है.
ऐसे संक्रमण करता है ओमिक्रॉन वायरस
यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के एसोसिएट प्रोफेसर डेविड वीसलर ने इस बारे में बड़ी जानकारी दी. प्रोफेसर डेविड वीसलर ने कहा कि कोरोना वायरस के नुकीले हिस्से को स्पाइक प्रोटीन कहा जाता है. इसके जरिए वह मानव कोशिकाओं में प्रवेश कर संक्रमण फैलाता है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन के खास हिस्से को टारगेट करने वाली एंटीबॉडी के विकास पर ध्यान देकर इस महामारी को कंट्रोल किया जा सकता है.
बूस्टर डोज लेना शरीर के लिए जरूरी
प्रोफेसर वीसलर ने कहा कि शरीर में एंटी बॉडीज बढ़ाने के लिए बूस्टर डोज लेना एक अच्छा कदम हो सकता है. उन्होंने अपनी बात को आंकड़ों के साथ स्पष्ट करते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोगों में एंटी बॉडीज की गतिविधियां 5 गुना कम दिखीं. वहीं दोनों डोज के साथ ही बूस्टर डोज ले चुके लोगों में एंटी बॉडी की एक्टिविटी में केवल 4 गुना कम कम गतिविधियां पाई गई. यानी कि बूस्टर डोज लेने से एंटी बॉजी ज्यादा मजबूत हो जाती है.
खबर इनपुट एजेंसी से