नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र इस बार राजनीतिक गरमाहट के कारण चर्चा में रहा. संसद परिसर में हुई धक्कामुक्की की घटना ने बीजेपी और कांग्रेस को आमने-सामने खड़ा कर दिया है. इस घटना में घायल हुए बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत अस्पताल में भर्ती हैं, वहीं राहुल गांधी के खिलाफ इस मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है. यह विवाद केवल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं है, बल्कि संसद में अनुशासन और मर्यादा पर भी सवाल खड़े करता है. आइए जानते हैं कि संसद के नियम इस तरह की घटनाओं पर क्या कहते हैं और संसद के इतिहास में ऐस तरह मामले कब-कब सामने आए हैं जिसके कारण सांसदों को संसद से बाहर जाना पड़ा या फिर निलंबन का सामना करना पड़ा .
संसद में व्यवस्था बनाए रखना स्पीकर (लोकसभा) और चेयरमैन (राज्यसभा) की जिम्मेदारी होती है. यदि कोई सांसद अनुशासनहीनता करता है या कार्यवाही में बाधा डालता है, तो उन्हें सदन से बाहर करने और निलंबित करने का अधिकार स्पीकर और चेयरमैन के पास है.
लोकसभा में नियम 373 के तहत यदि किसी सांसद का आचरण अशोभनीय हो, तो स्पीकर उसे तुरंत सदन से बाहर जाने का आदेश दे सकते हैं. वहीं नियम 374 और 374A के तहत यदि कोई सांसद बार-बार अशांति फैलाता है, तो उसे पूरे सत्र के लिए निलंबित किया जा सकता है.
जबकि राज्यसभा में नियम 255 के तहत चेयरमैन किसी सांसद को अशोभनीय आचरण करने पर उस दिन की कार्यवाही से बाहर कर सकते हैं. वहीं नियम 256 बार-बार अव्यवस्था फैलाने वाले सांसद को पूरे सत्र के लिए निलंबित करने का प्रावधान करता है.
लोकसभा में निलंबन के प्रमुख मामले:
- दिसंबर 2023: लोकसभा के 100 सांसदों को शीतकालीन सत्र के दौरान अनुशासनहीनता और प्लेकार्ड लहराने के कारण निलंबित किया गया.
- 1989: राजीव गांधी की सरकार के दौरान ठक्कर कमीशन रिपोर्ट पर हंगामे के चलते 63 सांसदों को एक सप्ताह के लिए निलंबित किया गया.
- 2013: तेलंगाना के गठन के विरोध में 12 सांसदों को पांच दिन के लिए निलंबित किया गया.
- 2012: तेलंगाना के मुद्दे पर आठ कांग्रेस सांसद निलंबित हुए.
- 2020: बजट सत्र के दौरान सात कांग्रेस सांसदों को निलंबित किया गया.
- 2019: स्पीकर ओम बिड़ला ने दो कांग्रेस सांसदों को निलंबित किया.
- 2019: स्पीकर सुमित्रा महाजन ने TDP और AIADMK के 45 सांसदों को निलंबित किया.
- 2015: 25 कांग्रेस सांसदों को पांच दिनों के लिए निलंबित किया गया.
- 2014: तेलंगाना पर विवाद के दौरान 18 सांसद निलंबित किए गए.
- 2013: 12 सांसदों को पांच दिनों के लिए निलंबित किया गया.
- 2012: आठ सांसद चार दिनों के लिए निलंबित हुए.
राज्यसभा में निलंबन के मामले:
- दिसंबर 2023: 46 सांसदों को अनुशासनहीनता और प्लेकार्ड लहराने के कारण निलंबित किया गया.
- 2022: महंगाई और GST पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा करने पर 19 सांसद निलंबित हुए.
- 2021: ‘अशोभनीय और हिंसक व्यवहार’ के लिए 12 सांसद पूरे सत्र के लिए निलंबित किए गए.
- 2020: आठ सांसदों को कृषि बिल के विरोध के दौरान अशोभनीय आचरण के कारण निलंबित किया गया.
संसद में धक्कामुक्की और अशोभनीय आचरण के अन्य मामले:
- 1962: सांसद गोदे मुरहारी को मार्शल की मदद से सदन से बाहर किया गया.
- 1966: राज नारायण और गोदे मुरहारी को एक सप्ताह के लिए निलंबित कर मार्शल द्वारा सदन से हटाया गया.
- 1971: राज नारायण को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया.
- 1974: राज नारायण को सत्र के शेष समय के लिए निलंबित किया गया.
इस तरह की घटनाएं जनता के बीच नकारात्मक संदेश देती हैं. ऐसे मामलों में तत्काल कार्रवाई की जरूरत पर अब जोर दिया जा रहा है.
शीतकालीन सत्र (2024) के दौरान कैसे शुरू हुआ धक्काकांड?
ऐसे में समझना जरूरी हो जाता है कि गुरुवार को इस धक्काकांड की शुरुआत कैसे हुई? दरअसल आंबेडकर पर गृहमंत्री अमित शाह के बयान के विरोध में कांग्रेस पार्टी संसद में प्रोटेस्ट कर रही थी. ठीक इसी समय बीजेपी भी कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी. इस बीच गुरुवार सुबह 10.40 बजे कांग्रेस प्रोटेस्ट करते हुए संसद के मकर द्वार तक आ रही थी. इसी समय बीजेपी मकर द्वार पर खड़ी थी. इस तरह बीजेपी और कांग्रेस के सांसद एक दूसरे के ठीक सामने थे. दोनों ओर से नारेबाजी होने लगी. यह घटनाक्रम लगभग 20 मिनट तक चला.
कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सांसदों ने उन्हें रोकने की कोशिश की और उनसे धक्का मुक्की. बीजेपी का भी ठीक यही कहना है. बीजेपी का आरोप है कि इस बीच राहुल गांधी ने एक सांसद के साथ धक्का-मुक्की की, जिससे वो सांसद बीजेपी एमपी प्रताप सारंगी के ऊपर गिर गया. इस धक्का-मुक्की में सारंगी और बीजेपी के एक और सांसद मुकेश राजपूत घायल हो गए.
इस पूरे घटनाक्रम पर प्रताप सारंगी ने कहा कि मैं सीढ़ियों पर खड़ा था. राहुल गांधी ने एक सांसद को धक्का दिया और वो सांसद मेरे ऊपर गिर गए, जिससे मैं गिर गया और चोट लग गई.
राहुल गांधी ने घटना पर क्या कहा?
प्रताप सारंगी के आरोप के बाद राहुल गांधी ने कहा कि कैमरे में सब कैद है. मैं सदन में जाने की कोशिश कर रहा था. बीजेपी के सांसदों ने मुझे धकेला और धमकाया. खड़गे जी को भी धक्का दिया. हमें धक्का-मुक्की से हमें कुछ नहीं होता है. बीजेपी के सांसद हमें संसद में जाने से नहीं रोक सकते.
राहुल ने कहा कि मैं संसद के भीतर जाना चाहता था. संसद में जाना मेरा अधिकार है मुझे रोकने की कोशिश की गई. हमें संसद के भीतर जाने से रोका गया. बीजेपी के सांसद धक्का-मुक्की कर रहे थे.