नई दिल्ली : मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने कैबिनेट का विस्तार किया है। दो महीने पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए विधायक रामनिवास रावत ने राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली है। राजभवन में राज्यपाल मंगुभाई पटेल की मौजूदगी में उन्हें शपथ दिलाई गई। इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश के कई अन्य नेता और मंत्री मौजूद रहे।
लोकसभा चुनाव के दौरान रामनिवास रावत ने कांग्रेस को झटका देते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया था। वह विजयपुर से 6 बार से विधायक बन रहे थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में रामनिवास रावत ने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर मुरैना से चुनाव लड़ा था। लेकिन वह पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर के सामने हार गए थे।
मध्य प्रदेश के श्योपुर में मुख्यमंत्री मोहन यादव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की मौजूदगी में हुई एक सार्वजनिक रैली में रामनिवास भाजपा में शामिल हुए थे।
एक बड़े ओबीसी नेता
रामनिवास रावत ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के एक बड़े ओबीसी नेता माने जाते हैं और श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से छठी बार विधायक हैं। वह ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की चार लोकसभा सीटों पर 7 मई को मतदान से ठीक एक सप्ताह पहले 30 अप्रैल को भाजपा में शामिल हो गए थे। अब उन्हें विधायकी से इस्तीफा देना होगा जिसके बाद इस सीट पर एक बार फिरसे चुनाव होगा। ऐसा माना जाता है कि उनकी मौजूदगी से भाजपा को मुरैना लोकसभा पर जीत हासिल करने में मदद मिली थी। अब वह मंत्री बना दिए गए हैं। जिसका अंदाज़ा पहले से भी लगाया जा रहा था।
डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार में फिलहाल मुख्यमंत्री को छोड़कर 30 मंत्री हैं। इसमें दो उपमुख्यमंत्री (जो कैबिनेट मंत्री भी हैं), 18 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्य मंत्री हैं, जबकि अभी भी कम से कम 3 पद खाली हैं। मध्य प्रदेश में चार चरणों में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के तीन मौजूदा विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। इनमें तीसरी बार आदिवासी विधायक बने कमलेश शाह, छठी बार ओबीसी विधायक बने रामनिवास रावत और पहली बार अनुसूचित जाति विधायक बनी निर्मला सप्रे शामिल हैं।