सूचना के सम्वाहक में मदद देती है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसः नेगी
प्रकृति से छेड़छाड़ के दुष्परिणाम भी है, जिससे बचना जरूरीः सिंघल
देहरादून। भारतीय प्रेस परिषद नई दिल्ली के निर्देश पर गुरुवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर ‘कृत्रिम मेधा’ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में मीडिया’ विषय पर सहायक निदेशक व जिला सूचना अधिकारी बद्री चन्द्र नेगी ने पत्रकारों की उपस्थिति में जिला सूचना कार्यालय में गोष्ठी का आयोजन किया।
गोष्ठी का शुभारम्भ करते हुए नेगी ने कहा कि इस आधुनिक युग में जहां प्रत्येक क्षेत्र में तकनीकि का उपयोग बढ़ा है वहीं पत्रकारिता भी इससे अछूती नही रही है। कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमे किसी भी सूचना के सम्वाहक में काफी मदद देती है, लेकिन इसमें संवेदना व भावना के अभाव के कारण इसके दुरूयोग से नकारा भी नही जा सकता है।
वरिष्ठ पत्रकार हरीश चन्द्र जोशी ने कहा कि तकनीकि का उपयोग मानव क्षमता को बढ़ाता है वहीं इसके प्रयोग से गोपनीयता भंग होने व दुरूपयोग होने की भी प्रबल संभावना रहती है। उन्होंने कहा कि तकनीकि का उपयोग सीखना आवश्यक है, इसके लिए अपने जूनियर जो तकनीकि में दक्ष हैं से अद्यतन तकनीक सीखने में किसी प्रकार का संकोच नही होना चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि समाचार पत्र के पीडीएफ को भी विभागीय अभिलेखों में देखा जाए। जिस पर जिला सूचना अधिकारी ने उचित स्तर पर रखने की बात कही। वरिष्ठ पत्रकार घनश्याम चन्द्र जोशी ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का पूर्ण इतिहास बताते हुए कहा कि इसका प्रयोग मानवश्रम को कम करने, डेटा, सूचनाओं को तथ्यात्मक रूप से संकलित और सरंक्षित करने के लिए किया गया है। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार संजय पाठक ने कहा कि वर्तमान युग में में तकनीकि पर अधिक निर्भर हो रहे हैं यह हमारी जीवन को आसन बनाता है।
वरिष्ठ पत्रकार गोपाल सिंघल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि मनुष्य की सोच प्रकृति पर विजय पाने की है किन्तु अत्यधिक तकनीकि का उपयोग तथा प्रकृति से छेड़छाड़ के दुष्परिणाम भी है, जिससे बचना जरूरी है। वरिष्ठ पत्रकार चेतन खड़का ने कहा कि पत्रकार को अद्यतन रहना है सभी क्षेत्रों में कृत्रिम मेधा का उपयोग हो रहा है इसके सकारात्मक प्रयोग करने की भी आवश्यकता है।
पत्रकार मौहम्मद शाहनजर ने कहा कि तकनीकि के सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनो ही पहलू हैं। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंश की चुनौतियों पर मंथन करने पर बल दिया। युवा पत्रकार स्वनिल सिन्हा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आधुनिक पत्रकारिता में तकनीक को नजर अंदाज नही किया जा सकता है। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार नवीन घिल्डियाल, बिजेन्द्र यादव, संदीप शर्मा, दीपक धीमान, छोटे लाल, मोहनसिंह खालसा आदि पत्रकारगणों ने अपने विचार रखे।
गोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार हरीश जोशी, सुरेन्द्र अग्रवाल, संजय पाठक, गोपाल सिंघल, गिरधर गोपाल लुथरा, आलोक शर्मा, सुभाष नौटियाल, घनश्याम चन्द्र जोशी, नवीन घिल्डियाल, मौ. शाहनजर, चेतन खड़का, रोहित गुप्ता, दीपक धीमान, बिजेन्द्र यादव, स्वपनिल सिन्हा, मोहन सिंह खालसा, धर्मपाल सिंह रावत, संदीप शर्मा, वेद प्रकाश अग्रवाल, रमन जायसवाल, मोहित कुमार, छोटेलाल, जगमोहन सिंह मौर्य आदि पत्रकारगण उपस्थित रहे।