देहरादून। एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, फिक्की फ्लो उत्तराखंड चौप्टर की अध्यक्ष डॉ. चारु चौहान ने उत्तराखंड पुलिस के सहयोग से पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) में महिलाओं की सुरक्षा और साइबर क्राइम पर जागरूकता बढ़ाने के आयोजन किया। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उत्तराखंड पुलिस द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए उपलब्ध कराई जा रही पहलों और सुविधाओं के बारे में जागरूक करना था।
इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के ऊर्जावान पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार, आईपीएस, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में उन्होंने राज्य भर में महिलाओं की सुरक्षा के उपायों को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने उत्तराखंड पुलिस द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला और एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए ऐसी पहलों का समर्थन जारी रखने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर विम्मी सचदेवा, आईपीएस, आईजी पुलिस मुख्यालय/पी एंड एम, डॉ. निलेश आनंद भरणे, आईपीएस, आईजी अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखंड, पी रेणुका देवी, डीआईजी अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखंड, विशाखा अशोक भदाणे, आईपीएस, पुलिस अधीक्षक, अपराध और कमलेश उपाध्याय, एसपी कानून एवं व्यवस्था भी उपस्थित रही। इस कार्यक्रम में साइबर सुरक्षा और महिलाओं की सुरक्षा के क्षेत्रों में पुलिस विभाग के विशेषज्ञ वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए।
उन्होंने सरकार और पुलिस विभाग द्वारा महिलाओं को विभिन्न अपराधों और खतरों से बचाने के लिए लागू की जा रही विशेष पहलों की जानकारी दी। सूचनात्मक सत्रों के बाद एक इंटरएक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें उपस्थित लोगो ने इन विशेषज्ञों से सीधे संवाद किया । कार्यक्रम में अनुराधा मल्लाह, पूर्व अध्यक्ष, डॉ. मानसी रस्तोगी, सचिव फ्लो, और कई फ्लो सदस्य, साथ ही प्रमुख महिला उद्यमी और व्यापारिक नेता भी उपस्थित थे।
अपने समापन भाषण में फ्लो उत्तराखंड की अध्यक्ष, डॉ. चारु चौहान ने अभिनव कुमार, डीजीपी उत्तराखंड, का इस कार्यक्रम को सफल बनाने में उनके अटूट समर्थन के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया। उन्होंने कार्यक्रम की सुचारू रूप से योजना बनाने के लिए पी. रेणुका देवी, आईपीएस, डीआईजी कानून एवं व्यवस्था, की भी सराहना की, जिनकी समर्पित योजना के कारण यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित हुआ। फ्लो उत्तराखंड और उत्तराखंड पुलिस के इस सहयोग ने महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ावा देने और उन्हें आज की डिजिटल युग में खुद की रक्षा के लिए आवश्यक ज्ञान और संसाधनों से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।