पिछले 27 सालों के सत्ता विरोधी लहर और विधानसभा चुनाव में बागियों की बगावत झेल रही बीजेपी ने गुजरात में भूपेंद्र 2.0 सरकार में ज्यादातर नए मंत्रियों को शपथ दिलाई है. दरअसल राज्य में ऐतिहासिक जीत के बाद यह तय माना जा रहा था कि कद्दावर नेताओं का मंत्री बनना निश्चित है. लेकिन जीतू वाघनी, किरीट सिंह राणा, पूर्णेश मोदी, मनीषा वकील, निमिषा सुधार, बीनू मोरडिया, नरेश पटेल, शंकर चौधरी, रमन बोरा, अल्पेश ठाकोर, शंभू नाथ इंडिया और जयेश राडिया जैसे नेताओं को मंत्री पद से दूर रखा है. नए चेहरों को मंत्री बनाकर बीजेपी ने कोशिश की है कि डेढ़ साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के वक्त सत्ता विरोधी लहर का कोई असर ना दिखे, और पिछले दोनों चुनाव की तरह पार्टी तीसरी बार भी राज्य की सभी 26 लोकसभा सीटों पर कब्जा जमा सके.
दरअसल पिछले साल 12 सितंबर 2021 को कोरोना में लापरवाही और सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए विजय रुपाणी और उनकी सरकार के सभी मंत्रियों के इस्तीफे ले लिए गए थे. रूपानी की जगह भूपेंद्र पटेल को राज्य की कमान सौंपी गई, और नई सरकार में सभी पुराने मंत्रियों को हटाकर नए चेहरों को मंत्री बनाया गया था. इनमें जीतू वघानी, किरीट सिंह राणा और पूर्णेश मोदी जैसे नेता मंत्री बनाए गए थे. लेकिन चुनाव के बाद बनी नई सरकार में इन नेताओं को भी मंत्री नहीं बनाया गया है. इनके साथ ही बीनू मोरडिया, नरेश पटेल, शंकर चौधरी, रमन बोरा, अल्पेश ठाकुर, जयेश राडिया और हार्दिक पटेल जैसे नेताओं को भी मंत्री पद नहीं मिला है.
बीजेपी ने इस बार 40 मौजूदा विधायकों का टिकट काटा
वैसे भी इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने नो रिपीट फार्मूले के तहत 40 मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरों पर दांव लगाया था. जिसके चलते बीजेपी ने अभूतपूर्व जीत हासिल की. इसीलिए नए मंत्रिमंडल में भी सिर्फ चार लोगों को रिपीट किया गया है. कैबिनेट मंत्रियों में कनुभाई देसाई और ऋषिकेश पटेल कों शपथ दिलाई गई है, और राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में हर्ष सांघवी और जगदीश विश्वकर्मा मंत्री बनाए गए है. इन चारों के अलावा सभी नये मंत्री बनाये गए है.
हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर को नहीं मिली बड़ी जिम्मेदारी
हालांकि शपथ से पहले 2 नामों की चर्चा जोरों से थी, एक हार्दिक पटेल जो कि प्रभावशाली पाटीदार समाज से हैं, और इसी साल पार्टी में शामिल हुए हैं. इससे पहले यह कांग्रेस के राज्य के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे. पहली बार विधायक बने हैं लेकिन पार्टी ने इन्हें मंत्री नहीं बनाया. दूसरे अल्पेश ठाकोर, जो कि ओबीसी नेता है और राज्य में ओबीसी की तादाद लगभग 48 फ़ीसदी है. इन दोनों नेताओं की वजह से गुजरात में बीजेपी ने 2017 के चुनाव में अपना सबसे खराब प्रदर्शन किया था, लेकिन अब यह दोनों नेता बीजेपी में शामिल हो गए हैं. मंत्री ना बनाए जाने के सवाल पर हार्दिक पटेल कहते हैं, पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उसे अच्छी तरह से निभाएंगे. गुजरात के नए मंत्रिमंडल से साफ हो गया है कि पार्टी कों बड़े चेहरों के बजाय नए चेहरों पर ज्यादा भरोसा है.