ऋषिकेश। केंद्र सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद तीर्थनगरी ऋषिकेश में गंगा को प्रदूषण से निजात नहीं मिल पा रही है। निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई गंगा स्वच्छता के पुख्ता इंतजाम के बाद भी त्रिवेणी घाट पर सीवर ओवरफ्लो हो गया। सीवर का पानी सीधे गंगा में बहा, तो श्रद्धालुओं का भी पारा चढ़ गया। स्नान और पूजन के लिए गंगा घाट पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने इस अव्यवस्था पर कड़ी नाराजगी जताई। संबंधित अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया कहा कि सरकार गंगा स्वच्छता पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, फिर भी ऐसे हालात होंगे, तो श्रद्धालु कैसे गंगा स्नान और आचमन कर पाएंगे। कानपुर निवासी श्रद्धालु गोपाल गुप्ता ने कहा कि इस तरह के हालात देखकर गंगा पूजन को पहुंचने वाले हर श्रद्धालु की भावनाएं आहत हो रही हैं।
नगर निगम भी है जिम्मेदार: गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने महत्वकांक्षी नमामि गंगे योजना के तहत ऋषिकेश में पंपिंग और ट्रीटमेंट स्टेशन का निर्माण कराया। नगर क्षेत्र में कहीं नई सीवर लाइन बिछाई गई, तो कहीं फिलहाल पुरानी सीवर लाइन से ही काम चलाया जा रहा है। सीवर लाइन से नगर निगम की नालियां भी कनेक्ट हैं। हैरानी की बात यह है कि सीवर से नालियों के जुड़ने के स्थान पर कचरे को रोकने के लिए जाल नहीं है, जिसके चलते कूड़ा करकट सीधे सीवर लाइन में पहुंच रहा है। जल निगम के सहायक अभियंता हरीश बंसल ने इसकी पुष्टि की है। बताया कि इस बाबत कई दफा नगर निगम के अधिकारियों को अवगत भी कराया जा चुका है।