नई दिल्ली। वर्ष 2024 के लिए प्रतिष्ठित शीला सिद्धान्तकर स्मृति कविता सम्मान कवयित्री संध्या नवोदिता को उनके काव्य संग्रह – ‘ सुनो जोगी तथा अन्य कविताएँ ‘ पर दिए जाने का सर्व सम्मत निर्णय हुआ है। प्रो.नित्यानन्द तिवारी की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया। बैठक में सम्मान समिति के सचिव ज्योतिष जोशी, सदस्य ज्ञानचन्द बागड़ी तथा संस्था प्रतिनिधि शिवमंगल सिद्धान्तकर उपस्थित थे। ज्ञातव्य है कि यह सम्मान प्रसिद्ध कवयित्री और स्त्री अधिकारों के लिए सतत संघर्षरत दिवंगत शीला सिद्धान्तकर की स्मृति में प्रति वर्ष दिया जाता है।
निर्णायकों ने संध्या नवोदिता के संग्रह ‘ सुनो जोगी तथा अन्य कविताएँ ‘ को शीला सिद्धान्तकर की चिंताओं तथा उनकी स्त्री चेतना के विकास के रूप में लक्षित किया। यह भी लक्ष्य किया गया कि संध्या नवोदिता की कविताओं में विविधता है और मानवीय सम्बन्धों, जन संघर्षों और उनके स्वप्नों को भी पूरी तन्मयता से अभिव्यक्त करने की कुशलता है। उनके यहां स्त्रियाँ अपने दुःख तथा यातना के बावजूद संघर्षरत हैं तथा अपने लिए नया संसार बनाने के प्रति प्रतिबद्ध भी-
‘ ज़िंदगी को रेशा-रेशा उधेड़तीं
वक्त की चमकीली सलाइयों में
अपने ख्वाबों के फंदे डालतीं
घायल उंगलियों को तेजी से चला रही हैं
औरतें एक रात में समूचा युग पार करतीं
हांफतीं हैं वे
लाल तारे से लेती हैं थोड़ी-सी ऊर्जा
फिर एक युग की यात्रा के लिए
तैयार हो रही हैं औरतें। ‘
यह सम्मान आगामी अप्रैल,2025 में आयोजित होनेवाले समारोह में प्रदान किया जाएगा।
ज्योतिष जोशी
सचिव, सम्मान समिति