उद्धव ठाकरे को सत्ता से बेदखल करने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अब शिवसेना पर कब्जे की ओर कदम बढ़ा दिया है। उन्होंने सोमवार को उद्धव को एक और बड़ा झटका देते हुए उनकी कमेटी को बर्खास्त कर नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन कर दिया है। नई कार्यकारिणी में एकनाथ शिंदे शिवसेना के मुख्य नेता बन गए हैं।
सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान के बाद दक्षिण मुंबई के पांच सितारा होटल में शिवसेना शिंदे गुट के विधायकों की बैठक हुई जिसमें एकनाथ शिंदे को पार्टी का मुख्य नेता चुना गया। वहीं, शिवसेना के उद्धव गुट से निकाले गए रामदास कदम और आनंदराव अडसूल, को नई कार्यकारिणी में पार्टी का नेता नियुक्त किया गया है।
इसके अलावा यशवंत जाधव, गुलाबराव पाटिल, उदय सामंत, शरद पोंक्षे, तानाजी सावंत, विनय नाहटा, शिवाजीराव पाटिल को उपनेता चुना गया है जबकि दीपक केसरकर को प्रवक्ता बनाया गया है। शिंदे गुट ने? फिलहाल शिवसेना अध्यक्ष पद पर उद्धव ठाकरे को कायम रखा है। शिवसेना शिंदे गुट के प्रवक्ता केसरकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे के प्रति अभी भी उनकी आस्था है। लेकिन उन्होंने यह भी दावा किया कि शिंदे गुट ही असली शिवसेना है। उधर, उद्धव ठाकरे ने भी पार्टी को बचाने के लिए थोक में पदाधिकारियों की नियुक्तियां शुरू की है।
शिंदे गुट की बैठक में 14 सांसदों ने लगाई ऑनलाइन हाजिरी
सोमवार को होटल ट्राईडेंट में हुई शिंदे गुट के विधायकों की बैठक में शिवसेना के 14 सांसदों ने भी ऑनलाइन हिस्सा लिया। शिवसेना के कुल 18 सांसद हैं जिसमे से 14 के शिंदे गुट में शामिल होने की चर्चा है। सूत्रों का कहना है कि दक्षिण-मध्य मुंबई के सांसद राहुल शेवाले लोकसभा में शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता बनाए जा सकते हैं। वहीं, भावना गवली को मुख्य सचेतक नियुक्त किया जा सकता है। उद्धव ठाकरे ने हाल में ही भावना गवली को इस पद से हटा दिया था।