उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के परिणाम समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए 2017 के मुकाबले बेहतर रहा. उसकी स्थिति में सुधार हुआ है. अखिलेश यादव की इस पार्टी ने 17 नगर निगम में से 9 पर बीजेपी को सीधी टक्कर दी और नंबर दो पर रही है. खास बात ये रही है सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव के बेटे आदित्य सिंह का जलवा भी इस चुनाव में देखने को मिला.
आदित्य सिंह को सपा के गढ़ कहे जाने वाले इटावा में पार्टी के उम्मीदवारों को जिताने की जिम्मेदारी दी गई थी. बता दें कि इटावा में 3 नगर पालिका और 3 नगर पंचायत हैं. सपा ने नगर पालिका में तो जीत हासिल की लेकिन नगर पंचायत की तीनों सीटों हार गई.
इटावा नगर पालिका, भरथना नगर पालिका, जसवंतनगर नगर पालिका में सपा ने बाजी मारी. वहीं, लखना नगर पंचायत में निर्दलीय को जीत मिली. सपा को यहां पर पांचवां स्थान मिला. बकेवर नगर पंचायत में बसपा के हाथों बाजी लगी. सपा तीसरे नंबर पर रही. इकदिल नगर पंचायत में निर्दलीय प्रत्याशी ने चुनाव जीता. सपा यहां पर दूसरे नंबर पर रही.
मैनपुरी में क्या हाल रहा?
नगर पालिका परिषदों में बीजेपी की उम्मीदवार संगीता गुप्ता ने 27912 मत पाकर अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) की सुमन को पराजित किया. सुमन को 22685 मत मिले. यहां कुल नौ उम्मीदवारों में बसपा की रेखा पांडेय चौथे स्थान पर पहुंच गईं, जबकि निर्दलीय नेहा ने तीसरा स्थान हासिल किया.
मैनपुरी को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनके प्रतिनिधित्व वाली मैनपुरी संसदीय सीट पर हालिया उपचुनाव में उनके पुत्र सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने भारी बहुमत से चुनाव जीता था. ऐसे में मैनपुरी नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पर बीजेपी की जीत को यादव के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. गौरतलब है कि उप्र में दो चरणों में चार मई और 11 मई को नगर निकाय चुनावों के लिए मतदान हुआ और 13 मई से मतगणना शुरू होकर 14 मई रविवार की दोपहर तक जारी रही.