विदिशा: मध्य प्रदेश में विदिशा लोकसभा क्षेत्र भाजपा का गढ़ है। बीजेपी ने यहां से पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने भी बुधवार को उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने पूर्व सांसद भानु प्रताप शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। शिवराज और भानु प्रताप पहले भी टकरा चुके हैं। अब 33 साल बाद फिर से दोनों आमने-सामने हैं।
15 बार में दो बार मिली है कांग्रेस को जीत
दरअसल, विदिशा संसदीय क्षेत्र मध्य प्रदेश के उन प्रमुख क्षेत्र में से है, जहां से कई दिग्गज निर्वाचित हुए हैं। इस क्षेत्र का पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, रामनाथ गोयनका और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी प्रतिनिधित्व किया है। यहां अब तक 15 चुनाव हुए हैं, जिनमें कांग्रेस सिर्फ दो बार जीती है और दोनों ही बार यहां भानु प्रताप शर्मा निर्वाचित हुए हैं। एक बार फिर कांग्रेस ने शर्मा को उम्मीदवार बनाया है।
सिंधिया परिवार के करीबी रहे हैं भानु प्रताप शर्मा
कांग्रेस में शर्मा की गिनती माधवराव सिंधिया के करीबियों में रही है। विदिशा से भाजपा ने वर्तमान सांसद रमाकांत भार्गव का टिकट काटते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मैदान में उतारा है। चौहान पांच बार यहां से निर्वाचित हो चुके हैं और यह उनका छठा चुनाव है।
भानु शर्मा को हरा चुके हैं शिवराज
चौहान ने लोकसभा का पहला चुनाव 1991 में तब लड़ा था, जब अटल बिहारी वाजपेयी ने विदिशा के साथ लखनऊ से निर्वाचित होने के चलते विदिशा सीट छोड़ी थी। उस चुनाव में चौहान ने कांग्रेस के उम्मीदवार भानु प्रताप शर्मा को शिकस्त दी थी।
33 साल बाद फिर से आमने-सामने
विदिशा में 33 साल बाद चौहान और शर्मा एक बार फिर आमने-सामने हैं। वर्तमान में शिवराज इसी संसदीय सीट की बुधनी विधानसभा से विधायक हैं। यह संसदीय क्षेत्र रायसेन, विदिशा, सीहोर और देवास जिलों में फैला हुआ है। इन सभी विधानसभा क्षेत्रों पर भाजपा का कब्जा है।