मनोज रौतेला की रिपोर्ट:
भोपाल/दिल्ली :मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट विस्तार आज हो गया। लेकिन उमा भारती ने नाराजगी जताई है. अपनी चिट्ठी में उमा भारती ने साफ-साफ लिखा है कि मुझे पीड़ा हुई क्योंकि कैबिनेट विस्तार के बारे में मेरे सभी सुझावों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया. कुल 28 नेताओं को मंत्री पद की शपथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दिलाई.
शिवराज सरकार में अब सिंधिया खेमे के 14 मंत्री हो गए हैं. इस तरह से शिवराज कैबिनेट में सिंधिया समर्थकों का दबदबा साफ नजर आ रहा है. शायद यही वजह है कि मंत्रिमंडल विस्तार के कुछ घंटों बाद ही पार्टी में विरोध के सुर मुखर होने लगे. ऐसा पहले से लग भी रहा था सिंधिया समर्थकों को मंत्री बनाया जाना तय था। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन मंत्री सुहास भगत और बीजेपी एमपी के प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे को अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए एक चिट्ठी लिखी है. उमा भारती ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि कि मंत्रिमंडल विस्तार में उनकी सिफारिशों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया और इसी वजह से मंत्रियों की सूची में संशोधन किया जाना चाहिए. चिट्ठी में साफ-साफ लिखा है, “मुझे पीड़ा हुई क्योंकि कैबिनेट विस्तार के बारे में मेरे सभी सुझावों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया.
उमा भारती ने अपनी चिट्ठी में आगे लिखा है, “मैं हिंदुत्व के लिए छह साल की उम्र से सक्रिय हूं, लेकिन मैंने पार्टी को एक महिला, ओबीसी और लोधी के रूप में अपनी स्थिति का उपयोग करने की अनुमति दी. 27 से 55 वर्ष की आयु में पार्टी ने मुझे विभिन्न पद दिए, जिसके लिए मैं आभारी हूं.” चिट्ठी में उमा भारती ने आगे लिखा, “मेरे सुझावों को नजरअंदाज कर दिया गया. मुझे खुशी है कि कांग्रेस ध्वस्त हो गई है और सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए हैं, लेकिन जहां तक मंत्रिमंडल विस्तार का सवाल है मेरे सभी सुझावों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया.” ऐसे में आने वाले दिन शिवराज सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। क्योँकि कई जो मंत्री बनने का सपना संजो रहे थे उनको ऐसे ही विधायक से संतुष्ट रहना पड़ेगा। यह संतोष कब तक चलता है आगे वक्त बताएगा।