आनंद अकेला की विशेष रिपोर्ट
भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार सत्ता में आते ही कर्मचारियों को लेकर कई रुके हुए फैसले धड़ाधड़ कर रही है। इसके पीछे की प्रमुख वजह सरकार के प्रति कर्मचारियों का बढ़ता विरोध रहा है। अपने पिछले तीसरे कार्यकाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर कर्मचारी विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं। कर्मचारियों की नाराजगी की वजह से ही भाजपा सरकार को 15 महीने तक सत्ता से दूर रहना पड़ा था। यहीं कारण है कि अब सरकार कर्मचारियों से जुड़े मामले को हल करने में ज्यादा समय नहीं लगा रही है।
वर्तमान में शिवराज सरकार ने समयमान वेतनमान को लेकर लंबे समय से चली आ रही उलझन को दूर करते हुए नए नियम लागू कर दिए हैं। इसमें दो पदोन्नति मिलने पर समयमान वेतनमान का लाभ नहीं देने की व्यवस्था में संशोधन कर दिया है। अभी यदि अधिकारी-कर्मचारी समान वेतन वाले पद पर पदोन्नत होता है तो संबंधित को समयमान का लाभ नहीं मिल पाता था। दरअसल, नियमों में यह प्रावधान था कि ऐसी पदोन्नति को समयमान में गिन लिया जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
वित्त विभाग के अधिकारियों के अनुसार दो पदोन्नति का लाभ मिलने पर समयमान का लाभ नहीं देने का नियम था। इसकी वजह से कई अधिकारियों- कर्मचारियों को पदोन्नत होने पर भी कोई आर्थिक लाभ नहीं होता था। दरअसल, कई पद ऐसे हैं, जो उच्च जरूर हैं पर वेतनमान समान हैं। ऐसे में कर्मचारी को जब पदोन्नति मिलती है तो फिर उसे समयमान वेतनमान का लाभ नहीं मिलता है। इस विसंगति को दूर करते हुए अब तय किया है कि ऐसी पदोन्नति को समयमान वेतनमान की गणना में शामिल नहीं किया जाएगा। इसका सीधा फायदा कर्मचारियों को आर्थिक तौर पर होगा।
संविदा अवधि पेंशन के लिए होगी मान्य
उधर, एक अन्य निर्णय से मध्य प्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 में संशोधन कर दिया है। इसके तहत नियमित नियुक्ति से ठीक पहले की संविदा अवधि को पेंशन के लिए मान्य किया जाएगा। दरअसल, उच्च शिक्षा विभाग में संविदा पर सहायक प्राध्यापकों को संविदा पर 89 दिन के लिए रखकर तीन दिन के अंतराल से फिर सेवा में रख लिया जाता था। संपूर्ण सेवाकाल में ऐसा तीन-चार बार होने के मामले सामने आए हैं। इसे देखते हुए नियम में संशोधन कर यह प्रावधान कर दिया है कि संविदा सेवा से नियमित पद पर नियुक्ति होने से कार्यमुक्ति और नियमित पद पर कार्यभार ग्रहण करने के बीच की अवधि को सेवा में व्यवधान के रूप में नहीं माना जाएगा।