सागर: मप्र में चुनावी साल से ऐन पहले जिन 22 एमएलए की दलबदल बीजेपी सरकार बना पाई थी, उन्ही में से एक शिवराज केबिनेट में राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत दान में मिली 50 एकड़ जमीन को लेकर सुर्खिर्यों में हैं। अब हों भी क्यों नहीं आखिर वह सागर की सुरखी विधानसभा से विधायक हैं। वहीं, दान में मिली यह करीब 50 एकड़ जमीन जिसकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। मंत्री को उनकी ससुराल से जमीन दान में मिली है। सवाल उठ रहे हैं कि मंत्री के जिस साले ने ये जमीन दान की है उनके पास भी 50 एकड़ जमीन ही है।
पूरे मामले पर नजर डालें तो सागर से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित भापेल गांव में कल्पना सिंघई की जमीन गिरहनी गांव के हिमाचल सिंह राजपूत और उनके भाई करतार सिंह राजपूत ने साल 2021 में अलग-अलग हेक्टेयर में यह जमीन खरीदी थी। लेकिन साल 2022 में इस जमीन का दानपात्र उन्होंने अपने जीजा मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, बहन सविता सिंह राजपूत और भांजे आदित्य सिंह व आकाश सिंह राजपूत के नाम लिख दिया। इसके बाद से ही मंत्री गोविंद सिंह पर सवाल उठने लगे हैं।
पूर्व बीजेपी नेता राजकुमार धनौरा ने उठाए सवाल
इस मामले को लेकर पूर्व बीजेपी नेता राजकुमार सिंह धनौरा ने गंभीर आरोप लगाए है। राजकुमार धनौरा का कहना है कि मंत्री ने अपनी काली कमाई को ठिकाने लगाने के लिए दान का यह खेल खेला है। धनौरा ने आरोप लगाए की हिमाचल राजपूत के पास खुद 50 एकड़ जमीन है और उन्होंने 50 एकड़ जमीन खरीदी है पहले वह ये बताएं कि जमीन खरीदने के लिए पैसा कहां से आया। धनौरा का कहना है कि मंत्री ने भ्रष्टाचार की कमाई से पहले तो यह जमीन अपने सालों के नाम पर खरीदी थी। फिर बाद में दान पत्र लिखवा लिया गया है। इस तरह काली कमाई को सफेद किया गया, इसकी बाकायदा जांच होनी चाहिए।
दिग्विजय भी टाल गए थे सवाल
सागर प्रवास पर बीते दिनों सागर दौरे पर आए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय भी इस सवाल को यह कहकर ताल गए थे कि शादी में कन्या दान तो लेना हो पड़ता है। लेकिन अब यह मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। और विधानसभा के गलियारों में भी मीडिया के सवालों का सामना गोविंद सिंह को करना पड़ रहा है।