नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव नतीजों ने बीजेपी के लिए काफी कुछ बदल दिया. सीटें कम आईं तो सहयोगियों पर निर्भर रहना पड़ा. फिर BJD जैसा वर्षों पुराना सहयोगी इंडिया अलायंस के पाले में जाकर खड़ा हो गया. अब खबर आ रही है कि बीजेपी की एक और भरोसेमंद सहयोगी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के दो राज्यसभा सांसदों ने इस्तीफा दे दिया है. अब उनके चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी में शामिल होने की संभावना है. इससे एक ओर तो बीजेपी के वर्षों पुराने उस दोस्त को झटका लगा है, जिसने कई मौकों पर मोदी सरकार को संसद में मदद की है, तो दूसरी ओर एनडीए ताकतवर होने जा रहा है. आइए समझते हैं कि पूरा माजरा आखिर है क्या?
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के दो सांसदों मोपीदेवी वेंकटरमण और बेदा मस्तान राव ने पार्टी और राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है. उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने दोनों का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया है. वेंकटरमण का कार्यकाल जून 2026 तक जबकि राव का कार्यकाल जून 2028 तक था. इस फैसले के बाद वाईएसआरसीपी के पास राज्यसभा में अब सिर्फ 9 सांसद और लोकसभा में 4 सांसद रह जाएंगे. राव पहले टीडीपी में ही थे. 2009 से 2014 तक वे कावली निर्वाचन क्षेत्र से जीत चुके हैं. लेकिन 2019 में वे वाईएसआरसीपी में शामिल हो गए. जबकि वेंकटरमण कांग्रेस से दो बार विधायक रह चुके हैं. जगन मोहन रेड्डी के पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी की सरकार में वे राज्यमंत्री भी बनाए गए थे.
एनडीए को कैसे होगा फायदा?
हाल ही में हुए राज्यसभा चुनावों में बीजेपी को जबरदस्त कामयाबी मिली है. पार्टी ने पहली बार राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा छू लिया है. ऐसे में उसे कोई बिल पास कराने के लिए बहुत ज्यादा इधर-उधर नहीं देखना होगा. रही सही कसर इन दोनों नेताओं ने पूरी कर दी. क्योंकि आंध्र प्रदेश की विधानसभा में एनडीए को दो तिहाई बहुमत है. इनकी छोड़ी हुई सीट पर जब चुनाव होगा, तो तय है कि टीडीपी के कैंडिडेट जीतकर आएंगे. इससे राज्यसभा में एनडीए के 2 और सांसद बढ़ जाएंगे.
राज्यसभा का मौजूदा गणित
245 सदस्यों वाली राज्यसभा में अभी 8 सीटें खाली हैं. इसलिए संख्या घटकर 237 रह गई है. इन 8 में से 4 सीटें जम्मू-कश्मीर से और 4 सीटें मनोनीत कैटेगरी की हैं. सदन के स्ट्रेंथ के हिसाब से बहुमत का आंकड़ा 119 बैठता है. हाल ही में 11 सीटें जीतकर एनडीए 112 पर पहुंच गया है. उसके साथ 6 मनोनीत सदस्य भी होंगे. एक निर्दलीय का भी उसे समर्थन है. ऐसे में एनडीए के पास आंकड़ा 119 हो गया है. अब 2 सीटें और आ गईं तो राज्यसभा में एनडीए 121 तक पहुंच जाएगा.