हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पार्टी की राज्य इकाई की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया। उनके इस कदम को कांग्रेस के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, समझा जा रहा है कि शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा है कि उनके स्वाभिमान के साथ ‘समझौता नहीं किया जा सकता’ और उन्होंने पार्टी की हिमाचल इकाई की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
शर्मा से पहले जी23 समूह के एक अन्य नेता गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे चुके हैं। शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष से कहा है कि परामर्श प्रक्रिया में उनकी अनदेखी की गई है। हालांकि, उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वह राज्य में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करना जारी रखेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता शर्मा को 26 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश में पार्टी की संचालन समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। आजाद और शर्मा, दोनों ही जी23 समूह के प्रमुख नेता हैं, जो पार्टी नेतृत्व के फैसलों की आलोचना करने से नहीं चूके हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मनीष तिवारी सहित कई अन्य दिग्गज नेताओं वाला यह समूह ब्लॉक से लेकर केंद्रीय कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) स्तर तक सही तरीके से चुनाव कराने पर जोर दे रहा है। हिमाचल प्रदेश के सबसे वरिष्ठ नेताओं में शुमार शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष को भेजे अपने पत्र में कथित तौर पर कहा है कि उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंची है, क्योंकि उनसे पार्टी की किसी भी बैठक के लिए परामर्श नहीं किया गया और न ही उन्हें उनमें आमंत्रित किया गया। शर्मा ने पहली बार 1982 में विधानसभा चुनाव लड़ा था। 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें राज्यसभा भेजा था। वह तभी से राज्यसभा सदस्य हैं और पार्टी में कई प्रमुख पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।