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कमलनाथ के गढ़ में शिवराज बनवाएंगे श्री हनुमान लोक, इनके सियासी मायने क्या?

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
25/08/23
in राज्य, समाचार
कमलनाथ के गढ़ में शिवराज बनवाएंगे श्री हनुमान लोक, इनके सियासी मायने क्या?
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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को दो महीने से भी कम का वक्त बचा है। इससे पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से जोर शोर से प्रचार शुरू हो चुका है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा का दौरा किया। यहां उन्होंने महाकाल लोक की तर्ज पर बनने वाले श्री हनुमान लोक का भूमिपूजन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जिले की दो तहसील और एक उपतहसील को मिलाकर एक नया जिला पांढुर्णा बनाने की भी घोषणा की। वहीं, कांग्रेस ने शिवराज सरकार की इन घोषणाओं को झूठा करार दिया।

श्री हनुमान लोक क्या है? यह कैसा होगा और कब तक बनकर तैयार होगा? शिवराज ने नया जिला बनाने की घोषणा क्यों की? इन दोनों फैसलों का आगामी चुनाव पर क्या असर पड़ सकता है? आइये समझते हैं…

श्री हनुमान लोक क्या है?

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को छिंदवाड़ा जिले के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर जाम सांवली में श्री हनुमान लोक का भूमि पूजन किया। यहां मुख्यमंत्री ने कहा कि जामसांवली हनुमान मंदिर में श्री हनुमान लोक का निर्माण किया जाएगा। लगभग 26.50 एकड़ क्षेत्र में पहले चरण में 35 करोड़ रुपये से अधिक लागत से श्री हनुमान लोक के निर्माण का कार्य आरंभ होगा। उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह दिव्य तथा भव्य लोक भारत की आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक ऊर्जा का नया केंद्र बनेगा।

श्री हनुमान लोक कैसा होगा?

जामसांवली में 26 एकड़ से अधिक क्षेत्र में श्री हनुमान लोक आकार ले रहा है। इस पर दो चरणों में 314 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पहले चरण में 35.09 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पहले चरण में मराठवाड़ा वास्तु-कला से प्रेरित भव्य प्रवेश द्वार से भगवान के विराट स्वरूप की छवि दिखेगी।

मुख्य प्रवेश द्वार से पहले प्रांगण तक 500 मीटर लंबा चिरंजीवी पथ बनेगा। पथ और पहले प्रांगण के 90 हजार वर्गफुट क्षेत्र में कलाकृतियों से हनुमान जी के बाल स्वरूप का मनोहारी चित्रण होगा। लगभग 62 हजार वर्गफुट क्षेत्र में मूर्तियों एवं कलाकृतियों के माध्यम से हनुमान जी के भक्ति स्वरूप का चित्रण होगा।

रामलीला और अन्य धार्मिक आयोजनों के लिए जलाशय के तट पर 12 हजार वर्गफुट क्षेत्र में मुक्ताकाशी मंच बनेगा। वहीं, संजीवनी बूटी लाने वाले भगवान के संकटमोचक स्वरूप से प्रेरणा लेकर परिसर में आयुर्वेदिक चिकित्सालय बनाया जाएगा।

नदी तट का सौंदर्यीकरण किया जाएगा

श्री हनुमान लोक के पास बहने वाली नदी तट के सौंदर्यीकरण और लैंडस्केपिंग के माध्यम से श्रद्धालुओं के बैठने आदि की व्यवस्था बनाई जाएगी। कम्युनिटी सेंटर, जन सुविधाएं, ट्रस्ट ऑफिस, प्रशासनिक कार्यालय और कंट्रोल रूम आदि 37 हजार वर्गफुट में निर्मित किए जाएंगे।

प्रसाद-पूजन सामग्री और भोजन आदि की व्यवस्था के लिए 120 दुकान और फूड कोर्ट बनेंगे। लगभग 400 चार पहिया एवं 400 दो पहिया वाहन क्षमता की डेढ़ लाख वर्गफुट क्षेत्र में पार्किंग विकसित की जाएगी।

दूसरे चरण में होगा संजीवनी पथ का विकास

दूसरे चरण में रामटेकरी पर्वत की परिक्रमा के लिए संजीवनी पथ का विकास, अष्टसिद्धि केंद्र एवं संस्कृत विद्यालय, योगशाला प्रवचन हॉल एवं ओपन एयर थियेटर, जाम नदी पर घाट निर्माण, वॉटर फ्रंट पाथ वे एवं सिटिंग एरिया, भक्त निवास, भोजनालय तथा गौ-शाला का निर्माण होगा।

श्री हनुमान लोक के सियासी मायने क्या?

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले छिंदवाड़ा में श्री हनुमान लोक के भूमिपूजन के कई सियासी मायने भी निकले जा रहे हैं। इसका कारण है कि कमलनाथ अक्सर खुद को हनुमान भक्त कहलवाना पसंद करते हैं।

पिछले साल (अप्रैल 2022 में) प्रदेश कांग्रेस ने रामनवमी और हनुमान चालीसा पर अपने कार्यकर्ता, पदाधिकारियों, विधायकों को रामलीला, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा का पाठ करने के निर्देश दिए थे। वहीं, कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में भव्य हनुमान मंदिर बनवाया है।

पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था। भूमि पूजन से पहले मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी ट्विटर प्रोफाइल पिक्चर बदल ली थी। इस तस्वीर में वे भगवा चोला पहने हुए नजर आ रहे थे। कांग्रेस नेता ने अपनी तस्वीर बदली और लिखा था, ‘श्रीराम के हनुमान करो कल्याण।’ इसके अलावा उन्होंने भोपाल स्थित अपने आवास में हनुमान चालीसा का पाठ किया था। शिवराज सरकार की नई घोषणा को लेकर राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह कमलनाथ की हुनमान भक्त वाली छवि का जवाब है।

प्रदेश के नए जिले को लेकर क्या घोषणा हुई?

मुख्यमंत्री ने पांढुर्णा, नांदनवाड़ी और सौंसर को मिलाकर नया जिला बनाने की भी घोषणा की।  मुख्यमंत्री ने कहा कि पांढुर्णा को बहुत समय से जिला बनाने की मांग की जा रही थी। अब हनुमान जी के इस मंदिर से पांढुर्णा को जिला बनाने की मांग पूरी करने की घोषणा की जाती है। पांढुर्णा जिले में पांढुर्णा और सौंसर तहसील के साथ नांदनवाड़ी उप तहसील को शामिल किया जायेगा।

जिले की घोषणा के मायने क्या हैं?

वर्तमान में छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत आने वाला पांढुर्णा एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। तहसील होने के साथ-साथ यह एक विधानसभा क्षेत्र भी है। यहां के चुनावी समीकरण की बात करें तो यहां अभी विपक्षी कांग्रेस का कब्जा है। नीलेश उइके इस सीट से विधायक हैं। 1990, 2003 और 2008 के चुनावों में भाजपा को यहां जीत मिली थी। 1995, के चुनाव में यहां निर्दलीय जीते थे। बाकी चुनावों में कांग्रेस ही जीत रही है।

शिवराज के पांढुर्णा को जिला बनाने की घोषणा को लेकर कई तरह की अटकलें लग रही हैं। बताया जा रहा है कि कमलनाथ की छिंदवाड़ा की पहचान ही बदल जाएगी। दरअसल, कमलनाथ का निवास शिकारपुर में है, जो मोहखेड़ तहसील में आता है। पांढुर्णा में सौंसर तहसील शामिल होगी। यह बात अलग है कि विधानसभा क्षेत्र सौंसर में ही शिकारपुर भी आता है। इसे देखते हुए कयास लगाए जा रहे थे कि शिवराज सिंह चौहान के दांव से कमलनाथ का पता बदल जाएगा। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री का पता नहीं बदलने वाला। उनकी विधानसभा जरूर नए जिले में शामिल हो जाएगी।

छिंदवाड़ा से कमलनाथ की पहचान जुड़ी हुई है। अक्सर कांग्रेस छिंदवाड़ा मॉडल की बात करती है इसका फायदा भी देखने को मिला है क्योंकि 2014 और 2019 की मोदी लहर में भाजपा कांग्रेस के इस किले को नहीं भेद सकी। यहां से फिलहाल कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ सांसद हैं। 1997 में भाजपा की ओर से सुंदरलाल पटवा ने जीत दर्ज की थी, उसके बाद पार्टी के हाथ खाली ही रहे हैं। 1997 को छोड़कर इस लोकसभा सीट पर 1980 से ही कमलनाथ, उनकी पत्नी या बेटे में से ही कोई सांसद बनता रहा है।

हालिया घोषणाओं पर कांग्रेस का क्या कहना है?

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने इन घोषणओं के बाद सरकार पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अब तीसरी बार पांढुर्णा को जिला बनाने की घोषणा की है। 13 अगस्त 2008 को ऐसी ही घोषणा मुख्यमंत्री ने पांढुर्णा को जिला बनाने के लिए की थी। 2018 विधानसभा चुनाव में भी इसी तरह की झूठी घोषणा उन्होंने जनता को परोसी थी।’

 

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