वाराणसी : शनिवार (आज) को वाराणसी(Varansi) में बीएचयू के एम्फीथिएटर ग्राउंड में काशी तमिल संगमम कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया. पीएम मोदी स्वयं कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए वाराणसी पहुंचे थे. पीएम मोदी की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए थे लेकिन पीएम के पहुंचने के पहले यहां पर जमकर हंगामा हुआ.
भाजपा विधायक और कार्यक्रम में ड्यूटी पर तैनात सब-इंस्पेक्टर के बीच जमकर गहमा-गहमी हुई. भाजपा विधायक और अन्य नेताओं ने एसआई पर गलत व्यवहार करने का आरोप लगाया. वहीं, एसआई ने कहा कि विधायक गलत तरीके से लोगों के कार्यक्रम में अंदर ला रहे थे. उसने ऐसा करने से रोका तो गलत आरोप लगाने लगे. विधायक ने एसआई को धमकी दी तो दारोगा ने कहा, ‘करा दो मुझे सस्पेंड.’
यह घटनाक्रम पीएम मोदी के आने के पहले दोपहर के समय हुआ. हमीरपुर में पदस्थ सब-इंस्पेक्टर शेष मणि त्रिपाठी की ड्यूटी कार्यक्रम में एंट्री गेट पर थी. काशी तमिल संगमम कार्यक्रम के उन्हीं लोगों को आने की इजाजत थी, जिनके पास आमंत्रण पत्र थे. एसआई शेष मणि त्रिपाठी लोगों के आमंत्रण पत्र देखकर अंदर आने दे रहे थे.
कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भाजपा के क्षेत्रीय कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव, भाजपा वाराणसी जिला महामंत्री प्रवीण सिंह गौतम अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे. एम्फीथिएटर ग्राउंड में एंट्री लेने के बाद विधायक और महामंत्री प्रवीण सिंह गौतम ने अपने समर्थकों को भी बिना आमंत्रण-पत्र के एंट्री करानी चाही.
इस बात पर सब-इंस्पेक्टर शेष मणि त्रिपाठी ने दोनों को रोक दिया. इस पर भाजपा नेता और उनके समर्थक एसआई के साथ गलत व्यवहार करने लगे. एसआई की भाजपा नेताओं से तू-तू, मैं-मैं होने लगी. काफी देर तक ऐसा ही चलता रहा. एसआई ने कहा भी आमंत्रित लोगों को ही कार्यक्रमें में आने की इजाजत है. लेकिन भाजपा नेता समर्थकों को प्रवेश दिलाने पर अड़े रहे.
सब-इंस्पेक्टर ने कहा – ”मैं गलत नहीं, चाहो तो सस्पेंड करा दो”
भाजपा नेता और पुलिस अधिकारी के झगड़े की खबर लगते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पहुंचे और उन्होंने मामला शांत कराने की कोशिश की. लेकिन भाजपा नेता एसआई पर गलत व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए ड्यूटी से हटाने की मांग करने लगे.
लेकिन सब-इंस्पेक्टर शेषमणि ने विधायक की बात सुनने के बजाए साफ-साफ कह डाला कि वह अपने अधिकारियों की सुनेंगे न कि भाजपा विधायक की, भले ही उनको सस्पेंड कर दिया जाए. बाद में किसी तरह मामला शांत कराया गया और सब-इंस्पेक्टर को ड्यूटी पॉइंट से हटाकर दूसरी जगह भेज दिया गया.