आनंद अकेला की विशेष रिपोर्ट
सीधी। आज पूरा विश्व कोरोना से प्रभावित हैं, डब्लूएचओ ने जहां इसे महामारी घोषित कर दिया है तो वहीं कई देशों ने इससे निपटने के लिए अपने यहां आपातकाल लागू कर दिया है। कोरोना बीमारी के रोकथाम के लिए अभी तक कोई वैकसीन तैयार नहीं की जा सकी है। पर भारतीय आयुर्वेदाचार्य काफी समय से कहते आ रहे हैं कि योग-प्राणायाम के नियमित अभ्यास से कोरोना जैसी प्राणघातक बीमारी से दूर रहा जा सकता है। सीधी के योगाचार्य प्रदीप कुमार तिवारी ने अपने रिसर्च इंस्टीट्यूट में पहले ही इस तरह की बात कही थी। अब सीधी के योगाचार्य जो कि हरिद्वार के प्रसिद्ध योग विश्वविद्यालय से योग में परास्नातक है उनकी इस बात की पुष्टि विश्व के प्रसिद्ध शैक्षिक संस्थान हावर्ड यूनिवर्सिटी ने भी कर दी है।
अमेरिका के एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान ने कोरोना वायरस से जुड़ी व्यग्रता से निपटने के लिए योग, ध्यान लगाने एवं सांस पर नियंत्रण की सलाह दी है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने अपने नये स्वास्थ्य दिशा-निर्देश में कहा है कि योग, ध्यान एवं सांस लेने पर नियंत्रण, शांत होने के कुछ सही एवं आजमाए हुए तरीके हैं। ‘कोरोना वायरस की व्यग्रता से निपटनेÓ विषय पर लेख इस हफ्ते प्रकाशित हुआ है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के संकाय एवं यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के डेविड गेफेन स्कूल ऑफ मेडिसिन के बोर्ड प्रमाणित मनोरोग चिकित्सक जॉन शार्प ने कहा, ‘नियमित ध्यान बहुत राहत देने वाला है।Ó
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की ओर से जारी स्वास्थ्य दिशा-निर्देश रिपोर्ट की तरफ इशारा करते हुए नई दिल्ली स्थित नवधा योगा एवं रिसर्च इंस्टीट्यूट के सदस्य और दिल्ली योगा क्लब के प्रमुख योगीराज प्रदीप कुमार तिवारी ने बताया कि हमने इस दिशा में कई लोगों पर प्रयोग किए। कोरोना को लेकर लोगों में एक अलग तरह का भय हैं जिसका प्रभाव उनकी मानसिक स्थिति पर भी देखा जा सकता है। योगीराज प्रदीप ने बताया कि हमारे आयुर्वेद में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि भय और मानसिक परेशानी के कारण मनुष्य के शरीर का इम्युन सिस्टम काफी तेजी से प्रभावित होता है। विभिन्न रिसर्च और डब्लूएचओ ने जारी अपनी गाइडलाइंस में बताया है कि कोरोना कमजोर इम्यून सिस्टम के लोगों को ही जल्दी प्रभावित कर रहा है। और इस वायरस का असर इन्ही लोगों पर ज्यादा पड़ता है। योगीराज प्रदीप के अनुसार कुशल प्रशिक्षक के सानिध्य में इस तरह के योगासन और प्राणायाम करके हम अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं। और कोरोना जैसी घातक बीमारियों से दूर रह सकते हैं।
इस बात की पुष्टि नवधा रिसर्च सेंटर के निदेशक डा. धीरेंद्र सिंह ने भी की। उनका कहना है कि हम अपने संस्थान में नियमित अंतराल में इस तरह के कुछ प्रयोग करते रहे हैं, जिसके हमें बेहतर परिणाम देखने को मिले हैं। डा. सिंह के अनुसार आसन, ध्यान और प्राणायाम उस बेचैनी को कम कर सकता है जो पृथक रहने को लेकर लोगों में पैदा हो रही है। डा. धीरेंद्र सिंह कहते हैं कि हम काफी समय से कहते आ रहे हैं पर जब तक कोई विदेशी संस्थान इसकी पुष्टि नहीं करता हमारे शोधों को संदेह की नजरों से देखा जाता है।
गौरतलब है कि विश्व हिंदू कांग्रेस अमेरिका ने कहा कि उसने कोविड-19 की वैश्विक महामारी के चलते उत्पन्न चिंता एवं मानसिक स्वास्थ्य के विषयों से निपटने के अपने प्रयासों के तहत पूरे उत्तरी अमेरिका में हवन और प्रार्थनाएं आयोजित की। जबकि भारत के कई मंदिर और संस्थानों में इस तरह के नियमित प्रयोग हो रहे हैं। यही कारण है कि दैवीय स्थलों के निकट रहने वाले लोग अभी तक इसके प्रकोप से बचे हुए हैं। सूत्रों की माने तो आने वाले कुछ दिनों में सीधी में भी कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं इस तरह के यज्ञ हवन का आयोजन करने वाली है।