मणिपुर। मणिपुर में फिर से भड़की हिंसा के बाद राज्य में हालात बेकाबू हो गए हैं। शनिवार को तीन महिलाओं समेत 6 की हत्या के बाद गुस्साई भीड़ ने भाजपा विधायकों के घर फूंक डाले थे। अनिश्चितकालीन कर्फ्यू के बीच एनपीपी ने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। एनपीपी ने मणिपुर सीएम एन बीरेन सिंह पर आरोप लगाया कि वे राज्य में बिगड़ते हालात संभालने में नाकाम रहे हैं। उधर, गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के हालातों पर अधिकारियों संग बैठक की है।
मणिपुर में इंफाल घाटी के विभिन्न जिलों में गुस्साई भीड़ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन और विधायकों तथा कांग्रेस के एक विधायक के आवास को आग लगा दी। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर भी धावा बोलने की कोशिश की, हालांकि पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
एनपीपी ने भाजपा से वापस लिया समर्थन
एनपीपी (नेशनल पीपुल्स पार्टी) ने बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। मणिपुर की 60 विधानसभा सीटों पर भाजपा के पास 32 विधायकों का पूर्ण बहुमत है। एनपीपी के समर्थन वापस ले लेने से सरकार पर किसी तरह का कोई असर नहीं पड़ने वाला है। एनपीपी के पास 7 विधायकों की ताकत है।
दंगाइयों ने भाजपा विधायकों के घर फूंके
दरअसल, जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में शनिवार को हिंसक प्रदर्शन किया, जिसके बाद से यहां अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया। गुस्साई भीड़ ने शनिवार को राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर भी हमला किया था।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने निंगथौखोंग में लोक निर्माण मंत्री गोविंददास कोंथौजम, लैंगमीडोंग बाजार में हियांगलाम से भाजपा विधायक वाई राधेश्याम, थौबल जिले में वांगजिंग टेंथा के भाजपा विधायक पाओनम ब्रोजेन और इंफाल पूर्वी जिले में खुंद्राक्पम के कांग्रेस विधायक लोकेश्वर के घरों में आग लगा दी।