महासमुंद। महासमुंद जिले के पिथौरा के संस्कार शिक्षण संस्थान के तीन विद्यार्थियों ने युवा विज्ञानी गौरव चंद्राकर के नेतृत्व में ऐसे जूता का अविष्कार किया है, जिसमें मोबाइल चार्ज किया जा सकेगा। इतना ही नहीं बल्कि बिजली भी मिल सकेगी। पढ़ने में अजीब सा जरूर लग रहा है किंतु इस बात को सच कर दिखाया है तीन छात्राओं ने। पिथौरा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के कक्षा 11वीं साइंस में पढ़ने वाली छात्रा अलीभा भोई, मेघा सिन्हा, प्रीति चौहान ने विज्ञान दिवस पर बहुउद्देश्यीय स्मार्ट जूता बनाकर जिला को गौरवान्वित किया है।
इस हाईटेक जूते की खासियत एक नहीं अपितु अनेक है। पहला जूते से मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रानिक चीजें आसानी से चार्र्जिंग कर सकते हैं, दूसरा महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी काफी कारगर है। इस स्मार्ट जूता से महिलाओं के साथ अगर किसी प्रकार की अनहोनी घटना हो रही हो तो जूता दो सिस्टम के जरिये काम करेगा, एक सामने वाले को करंट झटका देकर उनसे दूरी बना सकते हैं। साथ ही इसमें एक जीपीआरएस सिस्टम भी लगा हुआ है, जिससे अनहोनी की घटना की जानकारी नजदीकी पुलिस थाना और अपने परिवार में भी दुनिया के कोई भी कोने से मोबाइल एसएमएस के जरिये खबर कर सकते हैं।
25 कदम चलने पर मोबाइल जूते से होगा चार्ज
इस हाईटेक जूता से मोबाइल चार्ज होने के साथ ही 3.5 पावर की एलईडी बल्ब भी जलेगा। बाल विज्ञानियों ने बताया कि 25 कदम चलने से मोबाइल पूरी तरह से चार्ज हो जाएगा। बाल विज्ञानियों ने अपने इस माडल को पूरे छह महीने की मेहनत से अपने मार्गदर्शक शिक्षक युवा वैज्ञानिक गौरव चंद्राकर व जीएम साहू के निर्देशन में बनाया है। 28 फरवरी को इसे स्थानीय आयोजन में प्रदर्शित करेंगे। साथ ही आगामी दिनों में एटीएल के माध्यम से नीति आयोग को भी दिखाएंगे। बाल विज्ञानियों ने बताया कि जूता वेट पीजो सिस्टम से कार्य करता है, जो जूते के नीचे तलवे में लगा रहता है। जूते में लगे सर्किट का कुल वजन दो सौ ग्राम बताया गया है। इसे किसी भी जूते पर आसानी से लगाया जा सकता है। स्मार्ट जूता सामान्य जूता की तरह ही नजर आएगा। बताया कि 25 कदम चलने पर एक सामान्य पावर बैंक की तहत पावर जनरेट होगा, जिससे एक एंड्रायड फोन चार्ज हो सकेगा।
उन्होंने बताया कि इस जूते को पहनकर हम चलते हैं, तो पैर के दबाव से इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूस होती है, जिसे बैटरी एकत्रित करके रखतीं हैं। इसके साथ ही इसमें इन्वर्टर सर्किट लगा है जो 3.6 बोल्ट की विद्युत ऊर्जा को पांच बोल्ट में परिवर्तित करता है। जूते के आगे एक एलईडी लगाया गया है जो रात को उजाले के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। जूते के बाहर एक यूएसबी बोर्ड लगा है, जिससे मोबाइल और विद्युत उपकरणों को चार्ज किया जा सकता है। जूते का डिजाइन इस प्रकार तैयार किया गया है कि सारे सर्किट जूते के तला में फिट हो जाए। जब कोई भी आदमी जूता पहनकर चलेगा तो उसके तले में लगाया वेट पीजो सिस्टम से बिजली पैदा होगी।
सेना के जवानों के लिए होगा उपयोगी
मार्गदर्शक शिक्षक गौरव चंद्राकर ने बताया कि इस हाईटेक जूते को खास तौर पर सेना के जवानों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। क्योंकि सैनिक कई दिनों तक सीमा में जंगलों व सुदूर क्षेत्रों में रहते हैं, जहां बिजली की कोई व्यवस्था नहीं हो पाती है। ऐसे में इस बहुद्देश्यीय जूते से आसानी से मोबाइल चार्र्जिंग कर सकते हैं। जूते के आगे लगी एलईडी के प्रकाश से रात में आसानी से कांबिंग की जा सकती है। साथ ही मोबाइल वायरलेस लैपटाप को आसानी से चार्ज किया जा सकता है।
महिला सुरक्षा में कारगर
बाल विज्ञानी अलीभा ने बताया कि बालिका व महिला सुरक्षा को ध्यान में रखकर तैयार किया है। इसमें लगे गैजेट्स से व्यक्ति परिवार और दोस्तों के संपर्क में रहेगा। जूते के अंदर रखने के लिए एक माइक्रोकंट्रोलर आधारित हाईटेक डिवाइस एंड्राइड एप्लिकेशन का उपयोग करता है। जब भी आवश्यकता हो, इस ऐप को बटन के एक क्लिक से सक्रिय किया जा सकता है। खतरे की स्थिति में पीड़िता को केवल जूता पर लगे स्विच को दबाने की जरूरत है। यह ऐप जगह की पहचान करता है, और जूते के तलवे में लगा कटिंग तारों से झटका देने के साथ ही तदनुसार सहेजे गए संपर्र्कों को एक संदेश भेजती है। सहेजे गए आपातकालीन नंबरों पर काल भी करती है और मैसेज भी जाता है।
इस एप्लिकेशन की अनूठी विशेषता यह है कि उपयोगकर्ता चयनित संपर्क नंबर को संशोधित और सहेज सकता है। पांच मिनट के अंतराल के साथ कम से कम तीन बार सभी संपर्कों को काल और संदेश भेजती है। बाल विज्ञनिकों ने इससे पूर्व भी नींद या झपकी आने के कारण होने वाली रोड़ एक्सटेंड को रोकने के लिए स्मार्ट चस्मा बना जा चुके हैं।