नई दिल्ली: आजकल स्मार्टफोन (Smartphone) हर किसी के पास है, जिनके पास नहीं है वो भी इसे तेजी से खरीद रहे हैं। अब पेमेंट करना हो, गाने सुनने हों या मूवी देखनी हो ज्यादातर सभी काम स्मार्टफोन से ही हो रहे हैं। लेकिन आप जानकर चौंक जाएंगे कि अब यही स्मार्टफोन लोगों के शादीशुदा जीवन को तबाह भी कर रहा है। एक सर्वे में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के आंकड़े देखकर आप चौंक जाएंगे। वीवो ने साइबरमीडिया रिसर्च (CMR) के साथ मिलकर शादीशुदा जोड़ों पर स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल और रिश्तों (Spousal Relationships) पर इसके असर का पता लगाने के लिए यह अध्ययन किया है। इसके मुताबिक, 88 फीसदी विवाहित भारतीयों को लगता है कि स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल उनके रिश्ते को नुकसान पहुंचा रहा है।
रिश्तों को तोड़ रहा स्मार्टफोन
वीवो ने स्विच ऑफ अध्ययन के अपने चौथे संस्करण के नतीजों की घोषणा की है। इसका शीर्षक ‘स्मार्टफ़ोन और मानव संबंधों पर उनका प्रभाव 2022’ है। यह सर्वे विवाहित जोड़ों के संबंधों में व्यवहार और मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों पर ध्यान केंद्रित करता है। वीवो की ओर से किया गया यह सर्वे बताता है कि 67% लोगों ने अपने जीवनसाथी के साथ समय बिताते हुए भी अपने फोन पर व्यस्त होने की बात स्वीकार की है। 89 फीसदी लोगों ने यह माना है कि वह अपने जीवनसाथी के साथ आराम से बातचीत करने में कम समय व्यतीत कर रहे हैं। 66 फीसदी का मानना है कि स्मार्टफोन की वजह से उनका रिश्ता अपने जीवनसाथी के साथ कमजोर हुआ है। स्मार्टफोन में ज्यादा बिजी होने से मनोवैज्ञानिक बदलाव होते हैं। 70 फीसदी महिलाएं यह मानती हैं कि अगर उनके पति स्मार्टफोन में ज्यादा बिजी रहते हैं, इससे उनका रिश्ता खराब होता है। 69 फीसदी का मानना है कि अपने लाइफपार्टनर के साथ बातचीत के समय वो पूरा ध्यान नहीं देते हैं।
लाइफपार्टनर को दे रहे कम समय
रिपोर्ट के मुताबिक, स्मार्टफोन रखने वाले ज्यादातर लोग यह समझते हैं कि स्मार्टफोन की जगह जीवनसाथी के साथ ज्यादा समय बिताना उन्हें खुशी देता है, लेकिन इसके बाद भी वो इसमें कम समय बिताते हैं। 84% उत्तरदाता अपने जीवनसाथी के साथ अधिक समय बिताना चाहते हैं। लोग समस्याओं को स्वीकार कर रहे हैं और बदलाव के लिए तैयार हैं। 88% उत्तरदाताओं ने माना कि स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग से उनके जीवनसाथी के साथ संबंध खराब हो रहे हैं। 90% लोग अपने जीवनसाथी के साथ सार्थक बातचीत के लिए अधिक खाली समय देना चाहेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, 84 फीसदी लोगों ने माना है कि स्मार्टफोन अब उनके जीवन का एक जरूरी हिस्सा बन चुका है। 72 फीसदी लोग यह मानते हैं कि कभी-कभी अपने स्मार्टफोन में इतने लीन हो जाते हैं कि उन्हें अपने आसपास का कुछ होश नहीं रहता है। 58 फीसदी लोगों ने माना कि वो खाना खाते समय स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, जबकि 60 प्रतिशत अपने लिविंग रूम में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। करीब 60 फीसदी लोग परिवार के साथ बैठकर बातचीत करने के बजाय स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं।
इन बातों का ध्यान रखने की जरूरत
वीवो इंडिया के हेड ब्रांड स्ट्रैटजी योगेंद्र श्रीरामुला के मुताबिक, आज के जीवन में स्मार्टफोन का महत्व है, लेकिन इसके इस्तेमाल में सतर्क रहने की जरूरत है। स्मार्टफोन ज्यादा इस्तेमाल करने की जगह अपनी फैमिली के साथ ज्यादा समय बिताना चाहिए। क्योंकि यही खाली समय का सही मतलब है।
स्मार्टफोन के यह फायदे भी
रिपोर्ट के मुताबिक, स्मार्टफोन 60 फीसदी लोगों को अपनों से जुड़े रहने में मदद कर रहे हैं। 59 फीसदी लोगों ने माना कि स्मार्टफोन ने उनके ज्ञान में सुधार किया है। 58 प्रतिशत के लिए, स्मार्टफोन ने खरीदारी में आसानी बढ़ा दी है। 55 फीसदी लोगों का कहना है कि स्मार्टफोन उनकी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने में मदद की है। बता दें कि वीवो की ओर से इस सर्वे को भारत की भरोसेमंद मार्केट रिसर्च और एडवाइजरी फर्म साइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) के साथ मिलकर किया गया। इसमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बैंगलोर, अहमदाबाद और पुणे में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वाले एक हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया।