नई दिल्ली: क्या मोदी सरकार एक नया कानून लाने की तैयारी कर रही है जो यूट्यूबर, इंस्टाग्राम स्टार और दूसरे सोशल मीडिया पर काम करने वाले लोगों को कड़ी निगरानी में रखेगा। विपक्षी दलों का कहना है कि केंद्र सरकार ने नया ‘ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज (रेगुलेशन) बिल’ का ड्राफ्ट तैयार किया है। इस बिल के ड्राफ्ट को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि पहले ड्राफ्ट को पिछले साल जारी किया गया था, लेकिन अब सरकार ने इसके कुछ हिस्से बदल दिए हैं और ये बदलाव सिर्फ कुछ चुनिंदा लोगों को ही दिखाए गए हैं। कहा जा रहा है कि इस बिल में इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर्स को भी रेगुलेटरी निगरानी में लाने का प्रावधान है। इस वक्त यह मामला सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा में है। इस मसले को सबसे पहले तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने उठाया।
क्या इन पर भी न्यूज चैनल वाले नियम लागू होंगे
टीएमसी सांसद जवाहर सरकार ने आरोप लगाया है कि सरकार ने प्रसारण विधेयक में बदलाव कर दिया है और इसे चुपके से कुछ चुनिंदा लोगों को दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में बताया था कि विधेयक अभी भी तैयार हो रहा है, लेकिन सरकार इस बात को छिपा रही है कि इसमें बदलाव किए गए हैं। सरकार का कहना है कि यह विधेयक अभी तैयार हो रहा है, लेकिन सोशल मीडिया पर इसके कई प्रावधान पहले से ही वायरल हो रहे हैं। इन प्रावधानों के मुताबिक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब के बड़े-बड़े स्टार अब ‘डिजिटल न्यूज ब्रॉडकास्टर’ कहलाएंगे। यानी उन पर भी न्यूज चैनल जैसे नियम लागू होंगे।
कई लोगों का कहना है कि सरकार ऐसा करके सोशल मीडिया पर सेंसरशिप लगाना चाहती है। विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार की इस बात की आलोचना की है। उनका कहना है कि नए कानून के मुताबिक, जिन यूट्यूबर और इंस्टाग्राम स्टार के बहुत सारे फॉलोवर होंगे, उन्हें ‘डिजिटल न्यूज ब्रॉडकास्टर’ माना जाएगा। यानी उन्हें न्यूज चैनल जैसा ही माना जाएगा।
इसके अलावा, सोशल मीडिया कंपनियों को भी सरकार की मदद करनी होगी। अगर सरकार उनसे कोई जानकारी मांगती है तो उन्हें देनी ही होगी, नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। विपक्षी पार्टियां कह रही हैं कि इस कानून से लोगों की आजादी छीन जाएगी और सोशल मीडिया पर सेंसरशिप बढ़ेगी। छोटे-छोटे कंटेंट क्रिएटर इस कानून के चलते परेशानी में पड़ सकते हैं और उन्हें अपना काम बंद करना पड़ सकता है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सोशल मीडिया प्रभावित करने वालों से लेकर स्वतंत्र समाचार तक, सरकार का नियंत्रण बढ़ने से प्रेस की स्वतंत्रता को खतरा है और बोलने की स्वतंत्रता प्रतिबंधित होती है। पार्टी के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख खेड़ा ने कहा कि जो कोई भी वीडियो अपलोड करता है या पॉडकास्ट बनाता है, उसे प्रस्तावित बिल के अनुसार डिजिटल समाचार प्रसारक के रूप में लेबल किया जाएगा। खेड़ा ने आरोप लगाया कि प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक हमारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और स्वतंत्र मीडिया के लिए प्रत्यक्ष खतरा है।