लड़कियों की सुरक्षा से जुड़ी ये खबर आपको चौंका देगी! ये खबर आपके रोंगटे खड़े कर देगी! इस खबर को सुनकर बेशक आप हैरान हो जाएं, लेकिन ये हमारे समाज की वो कड़वी हकीकत है, जो अक्सर देखने को मिल जाती है। सोचिए हम कैसे समाज में जी रहे हैं, जहां लड़कियां बाहर तो छोड़िए अपने घर में, अपनों के बीच भी सुरक्षित नहीं हैं। माता-पिता अपनी बेटी को कहते हैं कि घर से बाहर जा रही हो संभल कर जाना लेकिन अगर कोई घर में ही बेटी के साथ वो कर दे जिसकी कल्पना मात्र से भी डर लगने लगता है तो बेचारी लड़की किससे फरियाद करे।
रिश्तों का कत्ल!
पिता का रिश्ता किसी भी बेटी के लिए सबसे खास होता है। मां के बाद अगर किसी और पर एक लड़की ट्रस्ट करती है तो वो है पिता। या यूं कहें कि जब भी सुरक्षा की बात आती है तो मां से भी ज्यादा कोई बेटी अपने पिता पर ही भरोसा करती है, क्योंकि उसे पता होता है कि उसका पिता उसे हर मुसीबत से बचाएगा। बेटी की नज़र में पिता सबसे बड़ा रक्षक होता है, लेकिन वही रक्षक अगर भक्षक बन जाए तो बेचारी बेटी कहां जाए। आज ऐसे दो मामले आपके सामने लेकर आएंगे जहां पिता का रिश्ता तार-तार हुआ है। एक पिता और दूसरा वो जिसे हमारे समाज में पिता समान ही दर्जा दिया जाता है यानी ससुर, ये दो रिश्तों ने ऐसा काम किया जिससे पूरा समाज कलंकित हो।
बेटी से ‘नापाक’ हरकत
16 साल की मुंबई के एक स्कूल में सेक्स एजुकेशन की क्लास चल रही है, बच्चों को समझाया जा रहा है कि सेक्सुअल मामलों में किस तरह उन्हें सतर्कता और सुरक्षा बरतनी है। इसी क्लास में मौजूद एक लड़की जैसे ही इस लैक्चर को सुनती है, उसके दिमाग में घूमने लगती हैं वो सारी बातें जो सालों से उसका खुद का पिता उसके साथ कर रहा था। लड़की को समझ आता है कि पिछले पांच साल से जो उसका पिता उसके साथ कर रहा था वो यौन शोषण था। लड़की चुपचाप सेक्स एजुकेश की क्लास लेती है और घर लौट जाती है।
पिता के खिलाफ शिकायत
पढ़ने में बेहद होनहार ये लड़की चुपचाप रहने लगती है। उसे समझ नहीं आता कि क्या करे। फिर एक दिन वो सारी बातें अपनी मां को बताती है, मां जब ये सुनती है तो उसके पैरों तले जमीन खिसक जाती है। लड़की बताती है कि जब वो महज दस साल की थी तब से पापा ने उसके साथ ऐसी हरकतें शुरू कर दी थी। घर पर ही ये लड़की यौन शोषण शिकार हो रही थी लेकिन इस बच्ची को तब तक कुछ भी पता नहीं था। मां भी अब तक इस बात से बेखबर थी लेकिन अब ऐसा नहीं था। लड़की की मां तुरंत इस बात की शिकायत दर्ज करवाती है।
पिता को 10 साल की सजा
पोक्सो कोर्ट में पिता जो एक शिप में इंनजीनियर है, उसके खिलाफ मामला पहुंचता है। पिता बचाव में दलील देता है कि अगर वो अपनी बेटी का यौन शोषण कर रहा होता तो उसकी बेटी पढ़ाई-लिखाई में इतनी अव्वल नहीं होती। लड़की का पिता खुद को बचाने के लिए लड़की की मां पर भी आरोप लगता है और कहता है कि उसका अफेयर किसी और के साथ चल रहा है, इसलिए वो बेटी को मोहरा बना रही है, लेकिन कोर्ट बेहद सख्ती अपनाते हुए इस मामले पर कार्रवाई करता है और पिता को दोषी मानते हुए दस साल की सजा सुनाता है। कोर्ट पिता की बचाव की दलीज को खारिज करते हुए कहता है कि अगर बेटी ने इतने समय से नहीं बताया या फिर वो क्लास में अच्छे मार्क्स ला रही है तो इसका ये कतई मतलब नहीं कि वो यौन शोषण का शिकार नहीं हुई है।
बहू पर डाली बुरी नज़र
अब इसी तरह का एक और बेहद घिनौना मामला मुंबई से ही सामने आया है। बहू किचन में खाना बना रही है, तभी ससुर किचन में पहुंचता है। बहू अभी भी काम करना जारी रखती है क्योंकि ससुर का किचन में आना एक सामान्य बात हो सकती है, लेकिन ससुर अचानक बहू को पीछे से पकड़ लेता है और पेट में हाथ फेरने लगता है, उसपर अश्लील कमेंट करता है। बहू जो अब तक ससुर को पिता समान समझती आयी है, उसे समझ नहीं आता कि वो क्या करे। वो अपने पति से बात करती है। पति उसे अपने पिता से बात करने का आश्वासन देता है। वो अपनी सास और ननद को भी ये वाक्या बताती है, लेकिन सास उसे ही घर से जाने के लिए कहती है। आखिरकार लड़की अपने मायके चली जाती है और फिर ससुर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाती है।
ससुर को 3 साल की सजा
कोर्ट में जब मामला पहुंचता है तो 65 साल का ससुर खुद को बचाने कि लिए तरह तरह की दलीद देता है, लेकिन कोर्ट ससुर को दोषी मानते हुए तीन साल की कठोर सजा सुनाता है। कोर्ट का कहना है कि इस मामले में आरोपी किसी भी रियायत का हकदार नहीं होगा क्योंकि ये मामला महिला के चरित्र से जुड़ा हुआ है और ससुर होने के नाते आरोपी को लड़की की सुरक्षा करनी चाहिए थी नाकी ऐसी नापाक हरकत। अपने बचाव में ससुर दलील देता है कि मामले की शिकायत बहू ने क्यों 12 दिन बाद की है। कोर्ट इस दलील को भी ठुकरा देता है और कहता कि ऐसे मामलों में पीड़ित का परिवार से बात करना और टाइम लेकर शिकायत दर्ज करवाना गलत नहीं है, क्योंकि ये लड़की की इज्जत के अलावा उसके मायके और ससुराल की इज्जत का भी मामला है।
कहां सुरक्षित हैं लड़कियां?
दोनों ही मामलों में कोर्ट का सख्त रुख बेहद सराहनीय है लेकिन इस तरह के मामले जब समाज में आते हैं तो सवाल तो उठते ही हैं। लड़कियां खुद को कहां सुरक्षित महसूस करें। सड़कों पर, बाज़ार में, मॉल में, वर्क प्लेस और घर में भी अगर इस तरह की घटनाएं सामने आएंगी तो ये सिर्फ लड़कियों के लिए ही नहीं बल्कि हमारे पूरे समाज के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।