हल्द्वानी : उत्तराखंड पुलिस में सिपाहियों की संख्या में कमी आई है, जबकि अफसरों की संख्या में इजाफा हुआ है। कुमाऊं पुलिस में सिपाहियों की संख्या में कमी आई है, जबकि ‘अफसर’ यानि सितारे वाले पुलिसकर्मी बढ़ गए हैं। नतीजतन ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए बनाई गई बीट पुलिसिंग पटरी से उतर गई है। अब पुलिस नए तरीके से बीट पुलिसिंग व्यवस्था बनाने में जुटी है।
छह माह पूर्व मुख्यालय के निर्देश पर बीट पुलिसिंग योजना शुरू की गई थी। इसके तहत कुमाऊं के विभिन्न गांवों को 612 बीट में बांटा गया था। इन बीटों की जिम्मेदारी 1500 सिपाहियों को दी जानी थी। बीट अधिकारी का जिम्मा संभालने वाले कांस्टेबल के कंधों पर गांवों की समस्याएं, शिकायतें और सुरक्षा की जिम्मेदारी थी।
इस बीच मुख्यालय ने प्रदेश में 3000 कांस्टेबल को हेड बना दिया, जबकि 1249 हेड कांस्टेबल को सितारे सजी वर्दी पहनकर एडिशनल दरोगा बन गए। अब 2482 कांस्टेबल और 983 हेड कांस्टेबल शेष रहे गए हैं। ऐसे में बीट पुलिसिंग की योजना प्रभावित हो गई है। हालत यह है कि पुलिस प्रशासन के पास थाना, चौकी, ट्रैफिक, सुरक्षा के साथ गांवों में तैनात करने को पर्याप्त सिपाही नहीं बचे हैं।
अब गांवों में लगाई जाएंगी शिकायत पेटियां: बीट पुलिसिंग प्रभावित होने के बाद अब गांवों में शिकायत पेटी लगाने की योजना बनी है। योजना के तहत ग्रामीण अपनी शिकायत, सुझाव या गांव से बाहर जाने की जानकारी पत्र के माध्यम से शिकायत पेटी में डालेंगे। एक सप्ताह में संबंधित एसपी शिकायतों पर उचित कार्रवाई की व्यवस्था करेंगे।
जिला कांस्टेबल हेड कां. कुल
यूएसनगर 836 237 1073
नैनीताल 797 181 978
अल्मोड़ा 227 171 398
चम्पावत 219 149 368
पिथौरागढ 250 152 402
बागेश्वर 153 93 246
कुल 2482 983 3465