देहरादून। कोलकाता में 31 वर्षीय ट्रेनी महिला चिकित्सक से सरकारी अस्पताल में हुए देश को शर्मसार व क्रूरतापूर्वक दुष्कर्म के बाद देशभर में भारी विरोध के बीच देश के अलग अलग हिस्सों में महिलाओ के उनके कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग तेज़ होने लगी है। वहीं इस हादसे के बाद से पुलिस कप्तान अजय सिंह द्वारा अपनी टीम को महिलाओं की सुरक्षा के लिए और सक्रिय रूप से कार्य करने को निर्देश दिए है।
जिस क्रम में वह राजधानी देहरादून के प्रमुख सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज व कोरोनेशन अस्पताल में राखी के मौके पर निरीक्षण को पहुँचे जहां उनके द्वारा अस्पताल प्रशासन से महिला कर्मियों की सुरक्षा इंतजामो की जांच की। उनको व उनकी टीम को इस दौरान महिला चिकित्सको व नर्सो द्वारा राखी बांध अपनी सुरक्षा का वादा मांगा गया था। जिसके प्रतिउत्तर में पुलिस कप्तान ज।अजय सिंह द्वारा अपना वादा निभाते हुए राजकीय अस्पतालों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए एसओपी बनाई है।
पुलिस कप्तान अजय सिंह द्वारा महिला कर्मियों व मरीजों की सुरक्षा के लिए तैयार की गई इस एसओपी के तहत दून अस्पताल परिसर में स्थापित पुलिस चौकी में नियुक्त पुलिस बल के साथ- साथ अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है साथ ही कोरोनेशन अस्पताल में भी सुरक्षा के दृष्टि से पुलिस बल को तैनात किया गया है।
अस्पतालों में नियुक्त पुलिस बल 24*7 अपने साथ वायरलेस हेडसेट लेकर ड्यूटी करेगा। पुलिस कर्मियों की नियुक्ति खासतौर पर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में रहेगी तथा वह समय-समय पर चिकित्सालयों के अन्य स्थानो ओ0पी0डी0 ,पार्किग एरिया ,वेटिग एरिया तथा अन्य वार्डो में भी लगातार भ्रमण कर हर बारीक चीजों व गतिविधियों पर नज़र रखेंगे।
पुलिस कप्तान अजय सिंह ने बताया कि चिकित्सालय परिसर में कानून व्यवस्था से सम्बन्धित अथवा किसी अपराधिक घटना के घटित होने पर पुलिस कर्मी द्वारा उसकी सूचना तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को दी जाएगी। वहीं उन्होंने पुलिस कर्मियों को अपने व्यवहार में शालीनता, पूर्ण प्रोफेशनल बनने को कहा है जिससे अस्पतालों में नियुक्त महिला चिकित्सक, महिला नर्स तथा अन्य महिला स्टॉफ सुरक्षित महसूस कर सके।
वहीं पुलिस कर्मी अस्पतालों में ड्यूटी के दौरान वहॉ मौजूद चिकित्सको तथा अस्पताल के जनसम्पर्क अधिकारी के सम्पर्क में रहेगे तथा अस्पताल प्रबन्धन के साथ सहयोग को और प्रभावी बनाने के लिए ड्यूटीरत पुलिस कर्मी एक व्हाट्सएप ग्रुप बनायेगे। उक्त ग्रुप में आअस्पताल से सम्बन्धित थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी, चिकित्सालय के जनसम्पर्क अधिकारी, मुख्यचिकित्सा अधीक्षक, महिला चिकित्सक ,नर्स ,सक्योरिटी हेड ,एमरजेन्सी वार्ड में नियुक्त कर्मी तथा सम्बन्धित थाने के चीता कर्मचारियों के अतिरिक्त अन्य ऐसे व्यक्ति जो अस्पतालों की सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक हो उन्हे ग्रुप में जोडा जायेगा।
सीसीटीवी कैमरे लगाना सुनिश्चित करे
चिकित्सालय ड्यूटी में नियुक्त पुलिस कर्मी समय- समय पर अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरो के सही से कार्य करने को लेकर उसकी समय समय पर जांच करेंगे। साथ ही अगर किसी स्थान पर उन्हें सीसीटीवी लगाने की जरूरत महसूस होती है तो उक्त स्थल के विषय मे सक्षम अधिकारियो को पत्राचार कर सीसीटीवी कैमरे लगाना सुनिश्चित करेगे।
एसओपी के तहत महिला कर्मियों की सुरक्षा और पुख्ता हो सके इसके लिए सम्बन्धित क्षेत्र के चौकी प्रभारी चिकित्सालय में नियुक्त पुलिस कर्मियो के साथ जिला चिकित्सालयों में नियुक्त समस्त कर्मचारियो का सत्यापन कर उसका पूर्ण विवरण निर्धारित प्रारुप में एक रजिस्टर में रखेंगे।
वहीं सभी क्षेत्राधिकारियों को महीने में एक बार चिकित्सालय के वरिष्ठ अधिकारियो के साथ सुरक्षा पहलूओ पर समन्वय गोष्ठी आयोजित करने को कहा गया है,जिसमे सम्बन्धित चौकी प्रभारी व अस्पताल के कर्मियो को भी सम्मिलित किया जाएगा, साथ ही रात्रि में जोनल अधिकारी / सुपर जोनल अधिकारी रात्रि चैकिग के दौरान नियमित रुप से अस्पताल में नियुक्त किये गये पुलिस कर्मियो को चैक करना सुनिश्चित करेगे ।
पुलिस कप्तान ने अपने सभी थाना प्रभारियों को अपने अपने क्षेत्र मव आने वाले निजी अस्पतालों को नोटिस देते हुए उन्हें अपने अस्पताल में सिक्योरिटी ऑडिट कराने तथा अस्पताल की सुरक्षा में नियुक्त सभी कर्मचारियों का पुलिस वेरीफिकेशन कराने के निर्देश देने को कहा है। अजय सिंह ने थाना प्रभारियों को उक्त सभी निजी चिकित्सालयों से उनके अस्पतालों में लगे सीसीटीवी की वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट मांगने को कहा है।