नई दिल्ली: अमेरिका को डर है कि भारत से रूस को कुछ खास तरह के सामान जा रहे हैं, जिन्हें युद्ध में इस्तेमाल किया जा सकता है। ये सामान इतने खास होते हैं कि इनसे नई तकनीक बनाई जा सकती है। अमेरिका चाहता है कि भारत इन सामानों को रूस को न बेचे, क्योंकि इससे रूस ताकतवर हो सकता है। अमेरिका को भारत से रूस को ड्यूल-यूज वस्तुओं के निर्यात के बारे में चिंता है। यह चिंता इसलिए है क्योंकि अमेरिका क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (iCET) के तहत भारत को उच्च तकनीकी उत्पाद साझा करने की योजना बना रहा है। उसे डर है कि रूस भारत से निर्यात के माध्यम से इनमें से कुछ वस्तुओं या तकनीकों तक पहुंच सकता है।
मीडिया रिपोर्ट में क्या आरोप लगाए गए
यह मुद्दा भारत और अमेरिका के बीच हाल ही में हुई बातचीत का हिस्सा रहा है, जिसमें ऐसी रिपोर्ट शामिल हैं जिनमें कहा गया है कि रूस ने भारत से कुछ ड्यूल-यूज वाली वस्तुओं का आयात किया है, ऐसा पता चला है। हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि रूस ने भारत से कुछ संवेदनशील वस्तुओं के आयात के लिए कुछ गुप्त चैनलों का इस्तेमाल किया था, लेकिन रिपोर्ट में वस्तुओं के प्रकार या बनावट की पुष्टि नहीं की जा सकी।
भारत का बेदाग रहा है रिकॉर्ड
वहीं भारत की ओर से कहा गया है कि इस तरह की आशंकाएं निराधार हैं क्योंकि भारत का रक्षा क्षेत्र में विभिन्न देशों से संवेदनशील उत्पादों को संभालने का एक बेदाग रिकॉर्ड है। उसने कई देशों से ऐसे सामान लिए हैं और कभी किसी को धोखा नहीं दिया है। भारत यह भी कहता है कि वह रूस और अमेरिका दोनों के साथ अच्छे संबंध रखना चाहता है।
भारत और अमेरिका इस योजना पर एक साथ
अमेरिका और भारत मिलकर कई नए तकनीकी काम करने की योजना बना रहे हैं। अमेरिका चाहता है कि ये नई तकनीक सिर्फ उनके दोस्तों के पास ही जाएं। उन्हें डर है कि अगर भारत से रूस को ये सामान गए, तो रूस भी इन नई तकनीकों के बारे में जान जाएगा। अमेरिका कहता है कि वह भारत पर भरोसा करता है, लेकिन फिर भी इस मामले पर भारत से बात करना चाहता है। अमेरिका चाहता है कि भारत इस मामले में सावधानी बरते।