हमारा सूरज ही नहीं, ब्रह्मांड के सभी सितारे इसी न्यूक्लियर फ्यूजन तकनीक से ऊर्जा हासिल करते हैं। कैलिफॉर्निया की लॉरेंस नैशनल लैब में वैज्ञानिकों ने इसी तकनीक से क्लीन एनर्जी बनाने में सफलता पाई। यह प्रयोग इतनी एनर्जी देने में सक्षम है कि भविष्य में पेट्रोल, डीजल, गैस जैसे एनर्जी के परंपरागत स्रोतों पर निर्भरता कम हो सकती है।
5G नेटवर्क को स्पीड
देश में अक्टूबर में शुरू हुआ 5जी नेटवर्क अब 60 से ज्यादा शहरों में पहुंच चुका है। इस नेटवर्क में स्पीड 4G से 100 गुना तक तेज हुई है। इसकी मदद से बेहतर कॉल और कनेक्टिविटी मिली है। हाई क्वॉलिटी बड़े विडियो चुटकी में डाउनलोड हो रहे हैं। खेती में ड्रोन का इस्तेमाल, पढ़ाई, क्लाउड गेमिंग और वर्चुअल रिएलिटी का प्रयोग बढ़ा है। अलेक्सा जैसी डिवाइसेज का चलन बढ़ा है। रोबॉटिक सर्जरी का विस्तार हुआ है। इसकी मदद से देश में ड्राइवरलेस कार का सपना जल्द पूरा हो सकता है।
चंद्रयान-3 पर रहेगी नजर
भारत का मिशन चंद्रयान-3 अगले साल अगस्त में भेजा जाएगा। इस मिशन के जरिए चांद के साउथ पोल पर लैंडर और रोवर उतारा जाना है। साल 2008 में चंद्रयान-1 को चांद की कक्षा में भेजने में सफलता पाई थी। साल 2019 में चंद्रयान-2 छोड़ा गया था, लेकिन इसका लैंडर विक्रम चांद की सतह पर क्रैश कर गया था।
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस पर जोर
अमेरिकी कंपनी ओपन AI की मशीनी सोच पर बनी तकनीक ने तहलका मचा दिया है। Dall E-2 तकनीक से आप जैसा सोच रहे हैं, वैसा टेक्स्ट लिखें तो आपकी सोच पर आधारित पेंटिंग या तस्वीर बन जाएगी। वहीं, चैटबॉट पर यह कंपनी ChatGPT लाई है, जो नाटक लिखने, कविताएं गढ़ने, कंप्यूटर के कोड लिखने जैसे इंसानों की भाषा में कोई भी असाइनमेंट कर सकता है। मशीनी सोच पर आधारित यह तकनीक भविष्य में जोखिम वाले कामों जैसे एटमी प्लांट, केमिकल लैब जैसी जगहों में कामगारों की जगह ले सकती है।
आभासी दुनिया और बदलेगी
मेटावर्स और Web 3.0 आभासी दुनिया के अनुभव को बदलकर रख देंगे। आग्मेंटेड/वर्चुअल रिएलिटी, मशीन लर्निंग/आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, इंटरनेट और ब्लॉकचेन जैसी तकनीक मिलकर पहले से ज्यादा कनेक्टेड और सुरक्षित आभासी दुनिया बनाएंगे। वर्चुअल हाउसिंग, सड़कें, ट्रेनें, हाइवे पर ब्रैंड होर्डिंग और सिमुलेटेड ट्रैवल एक्सपीरियंस – बदलने वाला है।