आनंद अकेला की रिपोर्ट
- मोटी रकम लेने के बाद भी नहीं दिया खाना l
- 60 सीटर बस में 57 लोगों को भरकर लाया जा रहा l
- हर दिन हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर आ रहे है सीधी l
सीधी। प्रदेश के बाहर रह रहे प्रवासी मजदूर अब सरकार से आशा छोड़ दी है। प्रवासी मजदूरों को सीधी आने के लिए 3600 रुपये तक का किराया वसूला जा रहा है। मोटी रकम वसूलने के बाद भी बस मालिक ने न तो भोजन दिया न व्यवस्था। सीधी में हर दिन हजारों की संख्या प्रवासी मजदूर आ रहे हैं, जिनका प्रशासन द्वारा हवाई पट्टी में स्वास्थ्य परीक्षण करके उन्हें घर भेजा जा रहा है।
मंगलवार को सीधी में हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर कई बसों में आये। जिनका स्वास्थ्य परीक्षण जिला प्रशासन की विशेष टीम द्वारा हवाई पट्टी में किया जा रहा है। बाहर से आ रहे इन मरीजों का फॉर्म भरवाया जा रहा है। इसके बाद सभी को जलपान और भोजन की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही हैं। एक ओर जहां सीधी जिला प्रशासन प्रवासी मजदूरों के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करा रहा हैं वहीं दूसरी तरफ गुजरात से प्रति मजदूर हजारों रुपये वसूल करके सीधी भेजा जा रहा है। सूरत से प्रति व्यक्ति एक सीट के लिए 3600 रुपये की मोटी रकम वसूली जा रही हैं। सूरत के बस वाले मोटी रकम वसूलने के बाद भी इन प्रवासी मजदूरों को न तो भोजन उपलब्ध करवाया और न ही पानी। तीन दिन से ये भूखे पेट सफर करके सीधी पहुंचे। जहां हवाई पट्टी में जिला कलेक्टर रविन्द्र चौधरी में निर्देश पर सभी को रोककर उनका करवाया जा रहा है। इसके पश्चात वहीं पर उनके लिए जिला प्रशासन से भोजन की व्यवस्था करवाई जा रही है। भोजन करवाने के पश्चात उन्हें उनके गन्तव्य तक भिजवाया जा रहा है।
सूरत से बस से आये प्रवासी मजदूर राजेश ने बताया कि हम लोग तीन तारीख से सूरत से चले है, वहां पर हमारे पास खाने का राशन खत्म हो चुका था, कोई सहायता भी नहीं मिल रही थी। फिर किसी तरह से बस की व्यवस्था हुई। बस मालिक ने कहा कि 3600 रुपये दोगे तब ही ले जाएंगे। किसी तरह से घर वालों से पैसा मंगवाया और बस मालिक के पास जमा करवाया। तब जाकर यहां आ पाए। प्रवासी मजदूर भोला ने बताया कि 60 सीटर बस में 57 लोग भरकर लाये हैं, कोई भी सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं किया गया। बस मालिक ने एक रुपये भी नहीं छोड़ा, दोस्तों से उधार लेकर आया हूँ। वहीं हवाई पट्टी में हर दिन कई बसों से हर दिन हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर आ रहे हैं।