नई दिल्ली। देश में इस वक्त हलचल तेज है। गृह मंत्रालय ने 7 मई को देशभर में सिविल डिफेंस जिलों में एक साथ मॉक ड्रिल आयोजित करने का आदेश दिया है। इसको लेकर तैयारी तेज है। गृह मंत्रालय के अधिकारी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रही हैं।
इसी बीच गृह मंत्रालय ने देश के 259 सिविल डिफेंस जिलों के नाम सार्वजनिक किया है। जहां पर 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित किए जाएंगे। इस लिस्ट में कई चौंकाने वाले आंकड़े भी सामने आया है।
जम्मू-कश्मीर से भी अधिक इस राज्य में मॉक ड्रिल
दरअसल, पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद से ही सरकार एक्शन में आई है। साथ ही कश्मीर हमेशा से ही सेंसिटिव रहा है। लेकिन सरकार द्वारा मॉक ड्रिल के लिए जो लिस्ट जारी की गई है उसमें कश्मीर से भी ज्यादा पश्चिम बंगाल के जिलों का नाम है।
पश्चिम बंगाल के इन जगहों पर मॉक ड्रिल
गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए लिस्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल के लगभग 31 जगहों पर मॉक ड्रिल किया जाएगा। जिसमें कूचबिहार (Coochbehar), दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, मालदा, सिलीगुड़ी, ग्रेटर कोलकाता, दुर्गापुर, हल्दिया, हाशिमारा, खड़गपुर, बर्नपुर-आसनसोल, फरक्का-खजुरिया घाट चित्तरंजन, बालुरघाट, अलीपुरद्वार, रायगंज, इस्लामपुर, दिनहाटा, मछलीगंज, माथाभंगा, कलिम्पोंग, जलढाका, कोर्स, कोलाघाट बर्धमान, बीरभूम, पूर्वी मदीनापुर, पश्चिमी मेदीनीपुर, हावड़ा, हुगली, मुर्शिदाबाद
जम्मू-कश्मीर के इन जगहों पर मॉक ड्रिल
वहीं जम्मू-कश्मीर के भी लगभग 20 जगहों पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें अनंतनाग, बडगाम, बारामुला, डोडा, जम्मू, कारगिल, कठुआ, कुपवाड़ा, लेह, पुंछ, राजौरी, श्रीनगर, उधमपुर, सांबा, अखनूर, उरी, नौशेरा, सुंदरबनी, अवंतिपुर, पुलवामा शामिल है।
मॉक ड्रिल में क्या-क्या होगा?
- सरल शब्दों में, ये एक तरह की ‘वार्म-अप एक्सरसाइज’ है मानो कोई हमला हुआ हो और हमें तुरंत रिएक्ट करना हो।
- एयर रेड सायरन बजेंगे ताकि देखा जा सके कि लोग कैसे रिएक्ट करते हैं।
- भारतीय वायुसेना के साथ रेडियो-हॉटलाइन से संपर्क का अभ्यास होगा।
- कंट्रोल रूम और बैकअप (शैडो कंट्रोल रूम) की तैयारी देखी जाएगी।
- छात्रों और आम लोगों को बताया जाएगा कि अगर हमला हो जाए तो क्या करना चाहिए।
- रात को ब्लैकआउट यानि कोई लाइट नहीं आने के बाद कैसे रहना है उसकी प्रैक्टिस करवाई जाएगी।
- जरूरी इमारतों को छुपाने के तरीके आजमाए जाएंगे।
- फायर ब्रिगेड, रेस्क्यू टीम, वार्डन – सबको एक्टिव करके उनकी रफ्तार देखी जाएगी।
- लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाने (Evacuation) की योजना चलाई जाएगी।