स्टेट इंस्टिट्यूट फॉर एम्पोवेरिंग एंड ट्रांस्फोर्मिंग उत्तराखंड (सेतु) आयोग को दी स्वीकृति
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शनिवार को सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक की गई। बैठक के दौरान मंत्रिमंडल ने जनहित से जुड़े तमाम महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इसके साथ ही आगामी 21 अगस्त से गैरसैंण में आहूत होने जा रहे विधानसभा मानसून सत्र के दौरान पेश होने वाले अनुपूरक बजट पर धामी मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है।
मिली जानकारी के अनुसार सत्र के दौरान करीब 5000 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। धामी मंत्रिमंडल की बैठक में सर्वप्रथम शहीद कैप्टन दीपक सिंह की स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। 21 अगस्त से गैरसैंण में होने वाले विधानसभा सत्र में करीब 5000 करोड़ रुपए के अनुपूरक बजट को पेश करने को स्वीकृति मंत्री मंडल की बैठक में दी गई।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की दरों का पुननिर्धारण किया गया है। राज्य मंत्रिमंडल ने इसके लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का विशेष आभार एवं धन्यवाद प्रकट किया। राज्य में नीति नियोजन से सम्बंधित संस्थान स्टेट इंस्टिट्यूट फॉर एम्पोवेरिंग एंड ट्रांस्फोर्मिंग उत्तराखंड (सेतु) के नाम को बदलकर भारत सरकार में गठित आयोग की तर्ज पर स्टेट इंस्टिट्यूट फॉर एम्पोवेरिंग एंड ट्रांस्फोर्मिंग उत्तराखंड (सेतु) आयोग करने को दी स्वीकृति है।
उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा सेवा संवर्ग (समूह क, ख और ग) सेवा संशोधन नियमावली- 2024 को प्रख्यापित करने को मंजूरी मंत्री मंडल न दी है।उत्तराखंड राज्य प्रोटोकॉल (अराजपत्रित) सेवा नियमावली-2024 के प्रख्यापन को मंजूरी। ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा विभाग के तहत उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के वित्तीय वर्ष 2022-23 के वार्षिक वित्तीय प्रत्यावेदन को विधानसभा के पटल पर रखने को मंजूरी।
राज्य की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों में मृतक आश्रितों को नियुक्ति प्रदान किये जाने को मंजूरी दी गई। कैबिनेट बैठक में प्रदेश के सभी तदर्थ व संविदा कर्मचारी को नियमित किए जाने संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। नियमितीकरण के कट ऑफ डेट फाइनल ना होने के चलते कार्मिक विभाग के इस नियमितीकरण के प्रस्ताव को आगामी कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव लाने के निर्देश दिए हैं।
धामी मंत्रिमंडल बैठक के दौरान तदर्थ व संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। साथ ही मंत्रिमंडल ने इस बात पर सहमति जताई कि जिन भी तदर्थ व संविदा कर्मचारी को नौकरी करते हुए 10 साल का समय पूरा हो गया है उन सभी कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा।