धर्मांतरण के खिलाफ राज्यों द्वारा बनाए गए कानूनों के मामले में देश में कई हाईकोर्ट में लंबित याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने के आवेदनों पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा. सीजेआई ने कहा कि हम शुक्रवार को मामले पर सुनवाई करेंगे और स्थानांतरण याचिकाओं पर नोटिस जारी करेंगे.
याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्यों द्वारा बनाए गए कानून पर्सनल लॉ के आड़े आ रहे हैं. यह बहुत ही अजीब स्थिति है, दो अलग धर्म के जिन लोगों ने विवाह किया है, वो सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शुक्रवार को सुनवाई करेंगे.
एक नई याचिका भी की गई दायर
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में एक नयी अर्जी दायर कर आग्रह किया गया था कि कथित जबरन धर्मांतरण से जुड़े मामलों को पांच-सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष रखा जाए, क्योंकि इनमें संविधान की व्याख्या शामिल है. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय पीठ सोमवार को कई राज्यों के धर्मांतरण विरोधी कानूनों के खिलाफ विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है. ये कानून अंतर-धार्मिक विवाहों के कारण धर्मांतरण और कथित जबरन धर्मांतरण से संबंधित मामलों का नियमन करते हैं.
नयी अर्जी वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है, जो पहले से याचिका दायर करने वालों में शामिल हैं. उन्होंने यह कहते हुए याचिकाओं को एक बड़ी पीठ को भेजने का अनुरोध किया था कि इसमें कानून के कई प्रश्न शामिल हैं, जिनकी संविधान के दायरे में व्याख्या की आवश्यकता है. शीर्ष अदालत ने 16 जनवरी को विभिन्न राज्यों के धर्मांतरण विरोधी कानूनों को चुनौती देने वाले पक्षकारों से इस मुद्दे पर विभिन्न उच्च न्यायालयों से शीर्ष अदालत में मामलों को स्थानांतरित करने के लिए एक आम याचिका दायर करने को कहा था. इसने एक पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से सभी याचिकाओं को हाई कोर्ट से शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने के लिए एक आम याचिका दायर करने को कहा था.