देहरादून| उत्तराखंड एसटीएफ ने पांच अलग-अलग राज्यों गुरुग्राम, बेंगलुरु, मुंबई , हैदराबाद, साइबराबाद की पुलिस द्वारा तलाश की जा रहे 02 करोड़ की ठगी करने वाले अभियुक्त को गिरफ्तार किया है। पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड अभिनव कुमार के दिशा निर्देशन में साईबर धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुये साईबर पीड़ितो को न्याय दिलाया जा रहा है।
साइबर अपराधों द्वारा अलग अलग तरीको से लोगो को लूटा जा रहा है। इसी परिपेक्ष्य में ठगों द्वारा फर्जी साइट तैयार कर आम जनता से ई-मेल व दूरभाष व अन्य सोशल साईटों के माध्यम से सम्पर्क कर स्वयं को विभिन्न नामी-गिरामी कम्पनियों का एग्जूटिव बताते हुये टेलीग्राम व यूट्यूब के माध्यम से यू ट्यूब वीडियो को फॉलो, लाईक एवं सब्स्क्राईब करने के नाम पर घर बैठे लाभ कमाने का लालच देकर लाखों रुपये की धोखाधडी की जा रही है ।
इसी क्रम में एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ जिसमें हरिद्वार निवासी शिकायतकर्ता के साथ अज्ञात अभियुक्तो द्वारा स्वंय को इण्टीग्रिटी कम्पनी का एच.आर. मैनेजर बताते हुये यू ट्यूब व इंस्टाग्राम वीडियो को फॉलो, लाईक एवं सब्स्क्राईब करने के टास्क के नाम पर जल्दी पैसा कमाने का लालच देकर शिकायतकर्ता से धोखाधड़ी से विभिन्न बैक खातो में लगभग 19,24,053/- (उन्नीस लाख चौबीस हज़ार त्रेपन रुपये) की धनराशि की ठगी करने सम्बन्धी शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून में मुकदमा पंजीकृत किया गया।
अभियोग में अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु गठित टीम द्वारा घटना में तकनीकी विश्लेषण से प्रकाश में आया कि द्वितीय लाभार्थी खाता डीबीएस बैंक को अभियुक्त नरेन्द्र दुखिया पुत्र राम नारायण दुखिया निवासी ग्राम गिरावण्डी, तहसील खुमसर जिला नागौर राजस्थान के द्वारा संचालित करना पाया गया।
पुलिस टीम को तुरन्त राजस्थान उक्त अभियुक्त से पूछताछ एवं विवेचना हेतु रवाना किया गया । पुलिस टीम द्वारा उक्त अभियुक्त को पतारसी सुरागरसी करते हुए तलाश कर पूछताछ के लिए थाना नागौर खींवसर नागौर राजस्थान लाया गया । पूछताछ से ज्ञात हुआ कि उक्त अभियुक्त द्वारा अपने दोस्त हरचंद दारा के नाम पर उक्त खाता खुलवाया गया था। तथा ट्रेडिंग के नाम पर मुख्य अभियुक्त जिसको वह नहीं जानता था वह पैसे ट्रांसफर करता था।
अभियुक्तगण द्वारा नामी गिरामी कम्पनियों की फर्जी वैबसाईट बनाकर आम जनता से वट्सएप , ई-मेल , दूरभाष व अन्य सोशल साईटों के माध्यम से सम्पर्क कर स्वयं को विभिन्न नामी-गिरामी कम्पनियों के एचआर, कर्मचारी प्रतिदिन 3-8 हजार रुपये कमाने का प्रलोभन देकर जॉब ऑफर कर लिंक भेजकर टेलीग्राम एप डाउनलोड करवाकर व अपने टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ना।
तत्पशचात विभिन्न यू ट्यूब वीडियो लाईक एवं सब्स्क्राईब करने के टास्क देते है तथा उसमें निवेश कर अधिक लाभ कमाने का लालच देकर धोखाधड़ी से भिन्न-भिन्न लेन देन के माध्यम से धनराशि प्राप्त करते है व धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातो में प्राप्त कर उक्त धनराशि का प्रयोग करते है।
अभियुक्तगणो द्वारा उक्त कार्य हेतु फर्जी सिम, आईडी कार्ड तथा फर्जी खातों का प्रयोग कर अपराध कारित किया जाता है । टेलीग्राम चैनल का संचालन दुबई से किया जा रहा है। आरोपी ने कबूला कि वह लोगों से दोस्ती करता था और फर्जी अकाउंट खोलता था। पी2पी क्रिप्टो ट्रेडिंग में विवादित पैसा भी लगाया।